नागपुर। साइना नेहवाल ने बुधवार को यहां अपने अनुभव का अच्छा फायदा उठाते हुए पीवी सिंधू को सीधे गेम में पराजित कर सीनियर राष्ट्रीय बैडमिंटन चैंपियनशिप का महिला एकल खिताब अपने नाम किया।
दुनिया की पूर्व नंबर एक साइना ने 54 मिनट तक चले मुकाबले में सिंधू को पस्त किया। सत्ताईस वर्षीय साइना ने रोमांचक फाइनल में ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप रजत पदकधारी सिंधू पर फाइनल में 21-17, 27-25 से जीत दर्ज की।
साइना ने जीत के बाद कहा, आज मैं जैसा खेली, उससे मैं हैरान हूं। मैंने कोर्ट पर अच्छी तरह मूव करते हुए सिंधू के मुश्किल शाट को अच्छी तरह वापस भेजा। पिछले हफ्ते विश्व रैंकिंग में अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ 11वीं रैंकिंग हासिल करने वाले दूसरे वरीय एचएस प्रणय ने शीर्ष वरीय और दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी किदाम्बी श्रीकांत को 49 मिनट तक चले मुकाबले में 21-15, 16-21, 21-7 से पराजित कर टूर्नामेंट के 82वें चरण का पुरुष एकल खिताब हासिल किया।
अश्विनी पोनप्पा के लिए यह दोहरी खुशी रही, जिन्होंने सत्विकसाईराज रंकीरेड्डी के साथ मिलकर मिश्रित युगल और एन सिक्की रेड्डी के साथ मिलकर महिला युगल खिताब से दो ट्रॉफी जीती। दूसरे वरीय मनु अत्री और बी सुमित रेड्डी ने एक गेम से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए शीर्ष वरीय सत्विक और चिराग शेट्टी को 15-21, 22-20, 25-23 से हराकर पुरुष युगल खिताब अपने नाम किया।
साइना और सिंधू जब फाइनल्स के लिए एक-दूसरे के आमने सामने थीं, तो खेल का रोमांच अपने चरम पर था। पूरा स्टेडियम ‘साइना सिंधू इंडिया’ की चीयर्स से गूंज रहा था, क्योंकि दोनों खिलाड़ियों ने कुछ रोमांचक रैलियां खेलीं।
छह महीने पहले जोड़ी बनाने वाली अश्विनी और सत्विक की मिश्रित युगल जोड़ी ने फाइनल में प्रणव जेरी चोपड़ा और एन सिक्की रेड्डी की शीर्ष जोड़ी को 21-9, 20-22, 21-17 से मात देकर खिताब जीता। इसके बाद उन्होंने सिक्की के साथ मिलकर संयोगिता घोरपड़े प्राजक्ता सावंत की जोड़ी को 21-14, 21-14 से हराकर महिला युगल खिताब अपने नाम किया।
साइना और सिंधू ने शुरुआती 10 अंक आपस में बांटे, जिसके बाद साइना ने शटल मुश्किल स्थानों पर भेजनी शुरू कर दी। उन्होंने बैक कोर्ट की ओर और फिर कुछ बाडीलाइन रिटर्न से 10-7 की बढ़त बना ली। एक ताकतवर स्मैश से वे पहले गेम में 11-9 से आगे हो गईं। ब्रेक के बाद साइना 17-12 से बढ़त बनाने में सफल रहीं, जिसके बाद सिंधू ने चार अंक अपने नाम कर इस अंतर को कम किया। हालांकि अनफोर्स्ड गलतियां सिंधू को भारी पड़ीं, जिससे साइना ने पहला गेम अपने नाम कर लिया।
दूसरा गेम काफी रोमांचक रहा, जिसमें दोनों खिलाड़ी अंत तक जूझती रहीं। सिंधू ने इसमें 5-2 से बढ़त बनाई लेकिन साइना ने धीरे-धीरे अंक जुटाकर सिंधू के लिए मुश्किल पैदा कर दी। ब्रेक तक सिंधू 11-8 से आगे थीं। इस 22 वर्षीय खिलाड़ी ने अपनी बढ़त 14-10 कर ली जो उन्होंने 18-14 तक कायम रखी। हालांकि उनकी लगातार अनफोर्स्ड गलतियों से लंदन ओलंपिक की कांस्य पदकधारी साइना ने 18-18 से बराबरी हासिल कर ली।
इसके बाद साइना ने बढ़त बरकरार रखी, हालांकि सिंधू ने मैच प्वाइंट बचाया और कुछ शानदार लंबी रैलियों से सुनिश्चित किया कि गेम का रोमांच बना रहे। बढ़त दोनों खिलाड़ियों के बीच बदलती रही, लेकिन अंत में साइना ने इसे जीतकर खिताब जीता।
वहीं श्रीकांत और प्रणय अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में चार बार एक दूसरे के खिलाफ खेल चुके हैं लेकिन पिछले तीन मौकों पर श्रीकांत जीत दर्ज करने में सफल रहे थे। प्रणय ने सिर्फ एक बार 2011 टाटा ओपन में ही श्रीकांत को हराया था।
श्रीकांत अपने करियर की शानदार फार्म में हैं, उन्होंने इस सत्र में पांच फाइनल्स में प्रवेश कर चार खिताब अपनी झोली में डाले, लेकिन परिणाम आंकड़ों के अनुरूप नहीं रहा जिससे प्रणय ने दिखा दिया कि इस सत्र में ली चोंग वेई और चेन लोंग पर मिली जीत कोई तुक्का नहीं थी। (भाषा)