पहलवान बजरंग पूनिया ने राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) द्वारा उन पर लगाए गए चार साल के प्रतिबंध की कड़ी निंदा करते हुए इसे भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार की राजनीतिक साजिश और व्यक्तिगत प्रतिशोध करार दिया है।
बुधवार को दिये गये एक बयान में पूनिया ने दावा किया कि उनके खिलाफ की गई कार्रवाई महिला पहलवानों के आंदोलन का समर्थन करने में उनकी मुखर भूमिका का प्रतिशोध है।टोक्यों ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाले पूनिया ने सोशल मीडिया मंच पर भाजपा सरकार और भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) पर उनके करियर को खत्म करने की साजिश रचने का आरोप लगाया।
उन्होंने लिखा, “यह चार साल का प्रतिबंध मेरे खिलाफ व्यक्तिगत दुश्मनी और राजनीतिक साजिश का नतीजा है।”
उन्होंने कहा, “यह महिला पहलवानों के समर्थन में हमारे द्वारा चलाए गए आंदोलन का सीधा नतीजा है, जिसमें हमने उनके साथ हुए अन्याय और शोषण के खिलाफ आवाज उठाई थी।”
उन्होंने कहा, “जब नाडा की टीम मेरे पास परीक्षण के लिए आई, तो उनके पास जो डोप किट थी, वह एक्सपायर हो चुकी थी। यह एक बड़ी लापरवाही थी, और मैंने केवल इस बात पर जोर दिया कि परीक्षण एक वैध और स्वीकृत किट के साथ किया जाए। यह मेरे स्वास्थ्य और करियर की रक्षा के लिए आवश्यक था। लेकिन, इसे जानबूझकर मेरे खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया।”
उन्होंने कहा, “भाजपा सरकार और महासंघ ने मुझे फंसाने और मेरा करियर खत्म करने के लिए यह चाल चली है। यह फैसला निष्पक्ष नहीं है, बल्कि मुझे और मेरे जैसे अन्य खिलाड़ियों को चुप कराने का प्रयास है।”
उन्होंने कहा, “मैं यह स्पष्ट कर दूं कि भले ही मुझे आजीवन निलंबित कर दिया जाए, लेकिन मैं अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना बंद नहीं करूंगा। यह लड़ाई सिर्फ मेरी नहीं है, बल्कि हर उस खिलाड़ी की है, जिसे सिस्टम ने चुप करा दिया है। मैं इस फैसले के खिलाफ अपील करूंगा और आखिरी सांस तक अपने अधिकारों के लिए लड़ता रहूंगा।”
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय टीम के चयन ट्रायल में डोप जांच नमूना देने से इनकार करने पर राष्ट्रीय एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) ने बजरंग पूनिया को 4 साल के लिए निलंबित कर दिया है। इस निलंबन के कारण पूनिया को प्रतिस्पर्धी कुश्ती में भाग लेने और विदेश में प्रशिक्षण की अनुमति नहीं होगी।(एजेंसी)