नई दिल्ली। अपने जमाने के दिग्गज टेनिस खिलाड़ी बोरिस बेकर ने भी एटीपी और डब्ल्यूटीए के आपस में विलय की रोजर फेडरर की अपील का समर्थन करते हुए कहा कि कोरोना वायरस के इस दौर में सभी संस्थाओं को मिलकर कोई समाधान ढूंढना होगा।
बेकर ने कहा, ‘मार्च से किसी तरह का आधिकारिक टेनिस नहीं हो रहा है, इसलिए मुझे लगता है कि सभी संचालन संस्थाओं के पास एक मंच पर आने का यह अच्छा मौका है।’ स्विस स्टार फेडरर ने हाल में पुरुष टेनिस की संचालन संस्था एटीपी और महिला टेनिस की संस्था डब्ल्यूटीए के आपस में विलय की मांग की थी।
लारेस स्पोर्ट की यहां जारी विज्ञप्ति के अनुसार बेकर ने कहा, ‘रोजर फेडरर ने सभी संस्थाओं के एकीकरण का शानदार विचार देकर शुरुआत कर दी है और मुझे लगता है कि (राफेल) नडाल भी सहमत है। हर शीर्ष खिलाड़ी सहमत न हो, कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन मुझे लगता है कि फेडरर, नडाल और (नोवाक) जोकोविच के बीच अच्छा तालमेल है।’
उन्होंने कहा, ‘हमारे यहां बड़े टूर्नामेंटों में महिला और पुरुषों के लिए समान पुरस्कार राशि है। हम समय के साथ प्रगतिशील रहे हैं। इसलिए (एटीपी और डब्ल्यूटीए को मिलाकर) एक संगठन अगला कदम होना चाहिए। यह बड़ा कदम होगा।’
लॉकडाउन के दिनों में लंदन के अपने आवास में समय बिता रहे छह बार के ग्रैंडस्लैम चैंपियन बेकर को वर्तमान परिस्थितियों में यूएस ओपन का आयोजन बुद्धिमत्तापूर्ण कदम नहीं लगता।
उन्होंने कहा, ‘यह एकमात्र ग्रैंडस्लैम है जो अभी आयोजित किया जा सकता है, लेकिन न्यूयार्क वायरस से बुरी तरह प्रभावित है। मुझे नहीं लगता कि वहां टूर्नामेंट का आयोजन करना बुद्धिमत्तापूर्ण होगा।’ कोरोना वायरस महामारी के चलते पहली बार युद्धकाल से इतर किसी अन्य कारण से विंबलडन को रद्द करना पड़ा और बेकर ने कहा कि इससे एक बड़ा शून्य पैदा हो गया है।
बेकर ने 1982 में विंबलडन के जूनियर वर्ग में हिस्सा लिया था और फिर 1985, 1986 और 1989 में यह प्रतिष्ठित चैंपियनशिप जीती थी। उन्होंने कहा, ‘विंबलडन पिछले 35 या 40 वर्षों से गर्मियों में मेरे जीवन का अहम हिस्सा रहा है। इससे बड़ा शून्य पैदा हो गया है।’ (भाषा)