नई दिल्ली। एनबीए टीम में शामिल हुए पहले भारतीय खिलाड़ी सतनाम सिंह भामरा पिछले महीने डोपिंग परीक्षण में विफल रहे जिसके बाद राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी ने उन्हें अस्थाई रूप से निलंबित कर दिया।
पंजाब के 23 साल के खिलाड़ी को 2015 में एनबीए टीम में चुना गया था लेकिन वह दक्षिण एशियाई खेलों की तैयारियों के लिए लगाए गए शिविर के दौरान नाडा द्वारा बेंगलुरु में टूर्नामेंट के बाहर आयोजित हुए परीक्षण में विफल रहे।
नाडा द्वारा जारी पत्रिका के अनुसार उन्हें 19 नवंबर को अस्थाई रूप से निलंबित किया गया था। भामरा ने व्यक्तिगत कारणों से एक दिसंबर से शुरू हुए 13वें दक्षिण एशियाई खेलों से हटने का फैसला किया था। 7 फुट 2 इंच का यह खिलाड़ी सैग के लिए बेंगलुरु के साई सेंटर में ट्रेनिंग कर रहा था।
भामरा के मूत्र के ए नमूने में पाए गए प्रतिबंधित पदार्थ का पता नहीं चला है। नाडा के नियमों के अनुसार एक एथलीट के पास ए नमूने का नोटिस मिलने के 7 दिन के अंदर बी नमूने की जांच कराने का अधिकार है।
अगर बी नमूना भी पाजीटिव पाया जाता है तो उसके मामले की सुनवाई नाडा के डोपिंग रोधी अनुशासनात्मक पैनल द्वारा होती है जो फैसला करता है कि सजा दी जाए या नहीं।
अगर भामरा को डोपिंग का दोषी पाया जाता है तो उन पर पहली बार डोपिंग में सकारात्मक पाए जाने के लिए अधिकतम 4 साल का प्रतिबंध लग सकता है। हालांकि अभी पता नहीं चला है कि भामरा ने बी नमूने की जांच का अनुरोध किया है या नहीं।
भारतीय बास्केटबॉल महासंघ के चंदर मुखी शर्मा ने कहा कि उन्हें भामरा के डोपिंग मुद्दे की जानकारी नहीं है क्योंकि वह शहर से बाहर हैं।