इंदौर। ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार की तीन साल के लम्बे अंतराल के बाद मैट पर वापसी के फैसले को लेकर भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने खुशी जताई। उन्होंने इसके साथ ही, स्पष्ट किया कि किसी पहलवान को इसके लिए बाध्य नहीं किया जा सकता कि अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भागीदारी के लिए उसे राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में हिस्सा लेना ही होगा।
सिंह ने यहां राष्ट्रीय कुश्ती चैम्पियनशिप के उद्घाटन समारोह के बाद कहा, मुझे खुशी है कि राष्ट्रीय चैम्पियनशिप के जरिए सुशील कुमार लम्बे अरसे बाद मैट पर लौटने जा रहे हैं। हालांकि, यह उनका स्वयं का निर्णय है। हम किसी भी खिलाड़ी को इस बात के लिए बाध्य नहीं कर सकते कि अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भागीदारी के लिए उसे राष्ट्रीय चैम्पियनशिप खेलनी ही होगी। इसकी वजह यह है कि चोट या निजी कारणों से कोई भी अच्छा खिलाड़ी राष्ट्रीय चैम्पियनशिप खेलने से वंचित रह सकता है
कुश्ती के अंतरराष्ट्रीय संगठन युनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने कुश्ती के नियमों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। डब्ल्यूएफआई की आयोजित प्रतियोगिताओं में इन बदलावों को अपनाए जाने की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि कुश्ती के नए अंतरराष्ट्रीय नियम वर्ष 2018 से लागू होने हैं। हम राष्ट्रीय चैम्पियनशिप पुराने नियमों से इसलिए करा रहे हैं, ताकि देश के पहलवानों का नुकसान न हो।