नई दिल्ली:गत चैंपियन कैरोलिना मारिन बायें घुटने में चोट के कारण मंगलवार को टोक्यो ओलंपिक से हट गईं। इस स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी को चोट से उबरने के लिए सर्जरी करानी पड़ेगी। स्पेन की इस 27 वर्षीय खिलाड़ी ने शनिवार को ट्रेनिंग के दौरान घुटने में दर्द महसूस किया और परीक्षण में चोट का पता चला।
मारिन ने ट्वीट किया, सप्ताहांत परीक्षण और चिकित्सकीय परामर्श के बाद मैं पुष्टि कर सकती हूं कि मेरे बायें घुटने में चोट है। इस हफ्ते मेरी सर्जरी होगी और फिर मैं रिहैबिलिटेशन प्रक्रिया से गुजरूंगी।
उन्होंने कहा, यह एक और झटका है जिसका सामना मुझे करना पड़ रहा है। पिछले दो महीने में उन कारणों से तैयारी काफी मुश्किल रही तो टीम के नियंत्रण में नहीं थे लेकिन हम रोमांचित थे और पता था कि मैं ओलंपिक के दौरान सर्वश्रेष्ठ स्थिति में रहूंगा। ऐसा अब संभव नहीं होगा।ओलंपिक 23 जुलाई से शुरू होंगे।
तीन बार की विश्व चैंपियन मारिन खिताब की प्रबल दावेदार थी क्योंकि वह शानदार फॉर्म में चल रही थी और इस साल पांच फाइनल में खेलते हुए चार खिताब जीतने में सफल रही।
उन्होंने कहा, इन दिनों में सहयोग और संदेश के लिए मैं सभी को धन्यवाद कहना चाहती हूं। मुझे पता है कि मैं सुरक्षित हाथों में हूं और काफी सारे लोग मेरे साथ हैं।
इससे पहले जनवरी 2019 में मारिन के दायें घुटने में चोट लगी थी जिसके कारण वह उस साल सितंबर तक कोर्ट से दूर रही थी।मारिन ने 2016 रियो ओलंपिक के फाइनल में भारत की पीवी सिंधू को हराकर खिताब जीता था।
क्या हुआ था बैडमिंटन महिला एकल के फाइनल में
ओलंपिक खेलों की बैडमिंटन प्रतियोगिता के फाइनल में भारत की स्टार खिलाड़ी पीवी सिंधू स्वर्ण पदक जीतने से चूक गई थी। तीन गेम में स्पेन की 2 बार की वर्ल्ड चैम्पियन कैरोलिना मारिन ने सिंधु को 19-21, 21-12, 21-15 (2-1) से हराया था।
सिंधु ने शुरुआत में तीन अंक पीछे रहकर न केवल अपने गेम को कंट्रोल किया बल्कि पहला सेट 21-19 से जीत लिया था। दो बार की वर्ल्ड चैम्पियन स्पेन की मारिन रियो ओलंपिक में पहला सेट हारी थी।
दूसरे सेट में मारिन की जबरदस्त शुरुआत की और दूसरे सेट में स्मैश पर स्मैश मारकर सिंधू पर दबाव बनाए रखा।
वर्ल्ड नंबर वन मारिन ने इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। फिर भी सिंधू ने 1 घंटे से ज्यादा चले इस मैच में मारिन से कड़ा मुकाबला किया। लेकिन मारिन ने तीसरा सेट 21-15 से जीतकर गोल्डमैडल जीता। सिंधु को रजत पदक सेे संतोष करना पड़ा।
इसके बाद भी मारिन ने 2 से 3 बार सिंधू को दूसरे टूर्नामेंट्स के फाइनल में शिकस्त दी है। लेकिन अब यह देखना होगा कि क्या सिंधू मारिन की गैरमौजूदगी का फायदा टोक्यो ओलंपिक्स में उठा पाती हैं या नहीं।