गोल्ड कोस्ट। भारतीय रेसवाकर के टी इरफान और त्रिकूद खिलाड़ी वी राकेश बाबू को राष्ट्रमंडल खेलों की ‘नो नीडल पालिसी’ के उल्लंघन के आरोप में स्वदेश वापिस भेज दिया गया और भारतीय अधिकारियों को भी कड़ी चेतावनी दे दी गई।
राष्ट्रमंडल खेल महासंघ के अध्यक्ष लुई मार्टिन ने कड़े शब्दों में कहा, 'राकेश बाबू और इरफान कोलोथम थोडी को तुरंत प्रभाव से खेलों से बाहर कर दिया गया है। इनके एक्रीडिटेशन 13 अप्रैल 2018 को सुबह नौ बजे से रद्द कर दिए गए हैं। दोनों को खेलगांव से बाहर कर दिया गया है।'
उन्होंने कहा, 'हमने भारत के राष्ट्रमंडल खेल संघ से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि दोनों खिलाड़ी पहली उड़ान से भारत लौट जाए।'
इरफान की 20 किमी पैदलचाल स्पर्धा हो चुकी है जिसमें वह 13वें स्थान पर रहे। वहीं बाबू को आज त्रिकूद फाइनल खेलना था जिसमें 12वें स्थान पर रहकर उन्होने क्वालीफाई किया था। सीजीएफ ने हालांकि कहा कि डोपिंग का कोई मामला नहीं है। इससे पहले एक मुक्केबाज के कमरे के बाद सुई मिलने से भारत को खेल शुरू होने से पहले ही शर्मिंदगी झेलनी पड़ी थी।
राष्ट्रमंडल खेल महासंघ अदालत ने गुरुवार को सीजीएफ मेडिकल आयोग से नोटिस मिलने के बाद मामले की सुनवाई की।
सीजीएफ ने कहा, 'भारत में राष्ट्रमंडल खेल संघ के दल प्रमुख, टीम मैनेजर नामदेव शिरगांवकर, एथलेटिक्स टीम मैनेजर रविंदर चौधरी, दोनों एथलीट राकेश बाबू और केटी इरफान और सीजीए भारत से जुड़े अन्य टीम मैनेजरों को सीजीएफ महासंघ अदालत ने सीजीएफ की नो नीडल पालिसी के उल्लंघन का दोषी पाया है। इन पांचों को नीति के उल्लंघन का कसूरवार पाया गया है।'
खिलाड़ियों को मेडिकल आयोग के समक्ष बिना पूर्व घोषणा के सुई के इस्तेमाल की मनाही है या 24 घंटे के भीतर इसकी सूचना देनी होगी।
सीजीएफ ने कहा, 'राकेश बाबू और केटी इरफान ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है कि दूसरे बेडरूम में एक कप में सुई पड़ी थी। बाद में और पूछने पर राकेश बाबू ने कहा कि उसे नहीं पता था कि दूसरे बेडरूम में उसके बैग में सुई पाई गई है। दोनों की बातें अविश्वसनीय और कपटपूर्ण लग रही है।'
बाबू और इरफान को नो नीडल पालिसी के उल्लंघन का दोषी पाया गया क्योकि दोनों इसके अनुच्छेद एक , दो , तीन और चार का पालन नहीं कर सके। ये चारों अनुच्छेद सुइयों के इस्तेमाल के संबंध में है। (भाषा)