गोल्ड कोस्ट। भारतीय महिला हॉकी टीम राष्ट्रमंडल खेलों के कांस्य पदक के मुकाबले में इंग्लैंड से 6-0 से मिली शर्मनाक हार के बाद चौथे स्थान पर रही। भारतीय टीम 5 में से 1 भी पेनल्टी कॉर्नर नहीं भुना सकी। आखिरी क्वार्टर में भारत का डिफेंस बुरी तरह चरमरा गया और 3 गोल गंवा दिए।
पूल चरण में भारत ने इंग्लैंड को 2-1 से हराया था लेकिन शनिवार को उस प्रदर्शन को नहीं दोहरा सके। भारतीय महिला हॉकी टीम लगातार तीसरी बार राष्ट्रमंडल खेलों से खाली हाथ लौटेगी। आखिरी बार उसने 2006 में मेलबोर्न में रजत पदक जीता था। सोफी ग्रे ने इंग्लैंड के लिए 3 फील्ड गोल किए जबकि लौरा उंसवर्थ, होली पीयर्न वेब और कप्तान अलेक्जेंड्रा डेनसन ने 1-1 गोल किया।
भारत को 8वें मिनट में नवनीत कौर ने पहला पेनल्टी कॉर्नर दिलाया। वंदना कटारिया इस प्रयास में चोटिल हो गई जब रिबाउंड पर गुरजीत कौर की हिट उनके माथे पर लगी। वंदना को मैदान छोड़कर जाना पड़ा। भारत को मिला दूसरा पेनल्टी कॉर्नर भी बेकार गया।
इंग्लैंड की कप्तान डेनसन ने टीम को 3 मिनट बाद पेनल्टी कॉर्नर दिलाया लेकिन सविता ने इस पर गोल नहीं होने दिया। दूसरे क्वार्टर में दोनों टीमों ने एक-दूसरे को आजमाया। इस बीच होली पीयर्न ने पेनल्टी कॉर्नर पर गोल करके इंग्लैंड को बढत दिला दी।
वंदना पट्टी बांधकर मैदान पर उतरी और भारत को लगातार 3 पेनल्टी कॉर्नर दिलाए। इनमें से 1 को भी इंग्लैंड की गोलकीपर मेडेलीन हिंच ने गोल में बदलने नहीं दिया। इंग्लैंड को जल्दी ही तीसरा पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन हन्नाह मार्टिन इस पर गोल नहीं कर सकी। तीसरे क्वार्टर में 2 मिनट बाकी रहते सोफी ने रिवर्स हिट पर गोल करके इंग्लैंड की बढ़त दुगनी कर दी। (भाषा)