नई दिल्ली। जैकसन सिंह थानोजाम फीफा विश्व कप में देश के लिए पहला गोल करने वाले भारतीय खिलाड़ी बने और उनका कहना है कि कोलंबिया के खिलाफ मेजबान टीम नतीजे की हकदार थी।
जैकसन ने कहा, यह अच्छा अनुभव था और जब मैंने गोल किया तो मैं बहुत खुश था। हालांकि हमने सर्वश्रेष्ठ करने का प्रयास किया लेकिन हम दुभाग्यशाली रहे। फीफा विश्व कप में अपने देश के लिए गोल करना निश्चित रूप से अच्छा अहसास है, लेकिन अगर हम जीत गए होते तो यह अच्छा होता।
सोलह वर्षीय मिडफील्डर ने कहा, हम अपने पक्ष में नतीजे के हकदार थे और हमने इसके लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया, लेकिन इस प्रक्रिया में हमने बड़ा सबक भी सीखा कि अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल आखिर क्या है। जैकसन की खुशी हालांकि ज्यादा देर तक नहीं टिक सकी, क्योंकि कोलंबिया ने अगले ही मिनट में गोल कर स्कोर 2-1 से बढ़त बना ली।
जैकसन मणिपुर के थोबाल जिले के हाओखा ममांग गांव से हैं। उनके पिता कोनथाउजाम देबेन सिंह को 2015 में पक्षाघात पड़ा था और उन्हें मणिपुर पुलिस का अपना पद छोड़ना पड़ा। जिसके बाद उनकी मां सब्जियां बेचकर परिवार का खर्चा चला रही हैं। (भाषा)