नई दिल्ली। हॉकी इंडिया ने अपने खिलाड़ियों की हिस्सेदारी बढ़ाने तथा राज्य, केंद्र प्रशासित प्रदेशों, संस्थागत इकाईयों और अकादमियों में खेल के विकास के मकसद से अपनी घरेलू प्रतियोगिताओं को पुनर्गठित करने का फैसला किया। अब राष्ट्रीय चैंपिंनशिप अगले साल से नए प्रारूप में दिखाई देगी। हाल में हॉकी इंडिया के कार्यकारी बोर्ड द्वारा यह फैसला किया गया।
जिन प्रतियोगिताओं का पुनर्गठन किया जाएगा, उसमें हॉकी इंडिया की मान्यता प्राप्त राज्य सदस्य इकाईयां, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयां/ विभागीय इकाईयां और अकादमी सदस्य इकाईयों की सब जूनियर, जूनियर, सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप (पुरुष और महिला दोनों वर्ग) शामिल हैं।
हॉकी इंडिया के बयान के अनुसार एक खिलाड़ी अपनी टीम की ओर से केवल एक ही प्रतियोगिता में हिस्सा लेने योग्य होगा। इसके अनुसार, ‘केवल एक ही एथलीट को भारत की शीर्ष घरेलू प्रतियोगिता में उम्र ग्रुप के वर्ग में भाग लेने की अनुमति दी जाएगी।’
हॉकी इंडिया के अध्यक्ष मोहम्मद मुश्ताक अहमद ने कहा कि विभिन्न उम्र ग्रुप के लिए ए और बी डिवीजन में राष्ट्रीय चैंपियनशिप की मेजबानी करने वाली पूर्व प्रणाली अब नहीं अपनाई जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘अब सालाना राष्ट्रीय चैंपियनशिप में सभी राज्य सदस्य इकाईयां पुरुष और महिला वर्ग में सब जूनियर, जूनियर, सीनियर उम्र के ग्रुप में भाग लेंगी।’
टूर्नामेंट की नीति और दिशानिर्देश समान रहेंगे और प्रत्येक राष्ट्रीय चैंपियनशिप league-cum-knockout आधार पर खेली जाएगी और पूल भाग लेने वाली टीमों पर निर्भर करेंगे। टूर्नामेंट अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ के नए नियमों के अनुसार आयोजित किए जाएंगे। (भाषा)