Los Angeles Olympics में तीरंदाजी का खाता खोलेगा भारत, इन तीरंदाजों से उम्मीद
लॉस एंजिलिस में जीत सकते हैं तीरंदाजी का पहला ओलंपिक पदक, ज्योति और ऋषभ
विश्व रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंचे भारतीय मिश्रित टीम तीरंदाजों ऋषभ यादव और अनुभवी ज्योति सुरेखा वेन्नम को
यकीन है कि लॉस एंजिलिस ओलंपिक में पदार्पण कर रही कंपाउंड मिश्रित तीरंदाजी स्पर्धा के जरिये इस खेल में वह भारत को पहला ओलंपिक पदक दिला सकते हैं।
लॉस एंजिलिस ओलंपिक 2028 में पहली बार कंपाउंड तीरंदाजी मिश्रित स्पर्धा को शामिल किया गया है। ज्योति और ऋषभ वर्ष 2025 में शानदार प्रदर्शन के कारण इस समय दुनिया की नंबर एक मिश्रित कंपाउंड टीम है। उन्होंने अप्रैल में अमेरिका में तीरंदाजी विश्व कप के पहले चरण में स्वर्ण पदक जीता और जुलाई में स्पेन के मैड्रिड में चौथे चरण में कुल 1431 स्कोर करके विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किया।
उन्होंने डेनमार्क के तंजा जेलेंथियेन और मथियास फुलेर्टन का 1429 अंकों का रिकॉर्ड तोड़ा जो उन्होंने 2023 यूरोपीय खेलों में बनाया था।ऋषभ ने ओलंपिक में पदक की संभावना के बारे में एक प्रतिष्ठित न्यूज एजेंसी से खास बातचीत में कहा ,इस साल मिश्रित टीम में हमारा प्रदर्शन अच्छा रहा है। मैनेऔर ज्योति दीदी (सुरेखा वेन्नम) ने इस साल तीन बार साथ खेला है और हर बार पदक जीता है । हमने विश्व रिकॉर्ड भी तोड़ा और हम ओलंपिक 2028 की ओर काफी मजबूती से आगे बढ रहे हैं ।
मिश्रित टीम रैंकिंग में नंबर एक होने के साथ व्यक्तिगत रैंकिंग में गुरूग्राम के 23 वर्ष के ऋषभ पांचवें नंबर और आंध्रप्रदेश की 29 वर्ष की ज्योति तीसरे नंबर पर है ।
सातवीं विश्व चैम्पियनशिप खेलकर नौवां पदक जीतने वाली ज्योति ने कहा , मैं ऋषभ को बहुत साल से जानती हूं और 2021 में एशियाई चैम्पियनशिप में उसके साथ रजत पदक जीता था। हमारा आपसी तालमेल अच्छा है और यह अच्छी बात है कि ओलंपिक 2028 में कंपाउंड तीरंदाजी भी है। हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके पदक जीतने की कोशिश करेंगे।
ऋषभ ने कहा कि ज्योति के अपार अनुभव से उन्हें काफी सीखने को मिलता है और आपसी संवाद मजबूत होने से वे दबाव को हावी नहीं होने देते।
इस साल ग्वांग्जू विश्व चैम्पियनशिप और शंघाई विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पुरूष टीम के सदस्य रहे ऋषभ ने कहा , सीनियर के साथ हमेशा सीखने को मिलता है।ज्योति दीदी का अनुभव और रणनीति काफी काम आती है। हमारा आपसी संवाद बहुत अच्छा है जिससे दबाव नहीं बनता।
उन्होंने कहा, पिछले ओलंपिक में भारतीय तीरंदाज पदक के बहुत करीब थे और चौथे स्थान पर रहे । पहले हमें अच्छी रैंकिंग नहीं होने से पूल कठिन मिलता था। इस बार बहुत पास आ गए थे। उम्मीद है कि अगली बार आखिरी बाधा भी पार कर लेंगे।
भारतीय तीरंदाज पेरिस ओलंपिक 2024 में फिर पदक नहीं जीत सके लेकिन धीरज बोम्मादेवरा और अंकिता भकत रिकर्व मिश्रित टीम सेमीफाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय जोड़ी बने। दोनों सेमीफाइनल और कांस्य पदक का मुकाबला मामूली अंतर से हारकर चौथे स्थान पर रहे जो भारत का ओलंपिक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
दोनों ने यह भी कहा कि अक्तूबर में यहां शुरू हो रही पहली तीरंदाजी प्रीमियर लीग लीग में भी ओलंपिक और विश्व चैम्पियंस के साथ खेलने से तैयारी में मदद मिलेगी। पहली बार रिकर्व और कंपाउंड तीरंदाज भी एक टीम के रूप में लीग में साथ में खेलेंगे।
ऋषभ ने कहा , तीरंदाजी लीग में पहली बार रिकर्व तीरंदाजों के साथ खेलने को मिलेगा क्योंकि हमें कभी उनसे बातचीत का मौका नहीं मिलता।उनकी स्पर्धायें अलग होती है। अब उनसे ओलंपिक के अनुभव के बारे में जानने का मौका मिलेगा जिससे तैयारी में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा , लीग में हमारी टीम में पांच बार के ओलंपिक पदक विजेता अमेरिका के ब्रेडी एलिसन हैं। इसके साथ ही तुर्की के मेटे गाजोज तोक्यो ओलंपिक चैम्पियन हैं। विश्व , यूरोपीय और ओलंपिक जीतने वाले दुनिया के चुनिंदा तीरंदाजों में से है जिनसे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।
ज्योति ने कहा कि बाकी खेलों का ग्राफ अलग अलग लीग शुरू होने से जिस तरह बढा है, भारतीय तीरंदाजी को भी इस लीग से फायदा मिलने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा , कई खेलों में लीग शुरू होने के बाद खेलों का काफी विकास हुआ है , नये दर्शक, नयी प्रतिभायें भी मिले हैं। लोग खेल को कैरियर विकल्प के रूप में अपनाने के लिये प्रेरित होते हैं। हम भी वही उम्मीद कर रहे हैं।
ज्योति ने कहा , मैने 2007 में तीरंदाजी शुरू की और 2011 से भारतीय टीम में हूं। मैं कह सकती हूं कि भारतीय तीरंदाजी का ग्राफ ऊपर जा रहा है। पिछले दो तीन साल से प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा है। हमारे पास विश्व चैम्पियन, टीम विश्व चैम्पियन हैं और पुरूष टीम ने इस बार भी विश्व चैम्पियनशिप जीती है तो भविष्य उज्जवल दिख रहा है।