नई दिल्ली: देश और दुनिया में फीफा विश्वकप का खुमार सिर चढ़कर बोल रहा है। पुरुष फुटबॉल टीम के कई मशहूर खिलाड़ियों जैसे कि रोनाल्डो और मेस्सी की मैच फीस भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली से भी ज्यादा है। लेकिन आप को जानकर हैरानी होगी कि भारतीय फुटबॉल टीम को बिना किसी मैच फीस के ही गुजारा करना पड़ता है।यह भारतीय फुटबॉल की बदत्तर होती हुई स्थिति को दर्शाने के लिए काफी है। कहां एक ओर फैंस यह चाहते है कि भारतीय टीम भी फीफा विश्वकप का हिस्सा बने और कहां अभी तक पुरुष- महिला दोनों ही राष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ियों को मैच फीस नहीं मिल पाई है।
पुरूष और महिला राष्ट्रीय के टीम खिलाड़ियों को मैच फीस देने की योजना: AIFF महासचिव
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के महासचिव शाजी प्रभाकरण ने कहा कि अगर एआईएफएफ अपने वित्तीय स्रोतों को बढ़ाने में सफल रहता है तो राष्ट्रीय टीम के खिलाड़ियों (पुरूष और महिला) को जल्द ही मैच फीस दी जायेगी।
इस महीने के अंत में भारतीय फुटबॉल विकास के लिये रोडमैप के अंतर्गत कई पहल की घोषणा की जायेगी।प्रभाकरण ने कहा कि कार्यकारी परिषद राष्ट्रीय टीम के खिलाड़ियों के लिये मैच फीस शुरू करने का फैसला करेगी। उन्होंने हालांकि एआईएफएफ की बजट संबंधित बाधाओं के कारण इसके लिये कोई समय सीमा नहीं दी लेकिन संकेत दिया कि यह मौजूदा कार्यकाल के दौरान ही किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, हमारी पुरूष और महिला टीम के खिलाड़ियों को मैच फीस मिलनी चाहिए। हमें सिर्फ टोकन राशि नहीं देनी चाहिए, इसकी आर्थिक अहमियत होनी चाहिए। प्रभाकरण ने कहा, अगर देश के लिये खेलने वाले एक खिलाड़ी आर्थिक रूप से कुछ हासिल नहीं कर रहा तो एक परिवार या समुदाय उसे एक सीमा के बाद कैसे मदद करेगा। हम कार्यकारी समिति में इस मामले पर चर्चा करेंगे।
उन्होंने हालांकि यह स्वीकार किया कि एआईएफएफ का मौजूदा सालाना बजट 100 करोड़ रूपये से थोड़ा अधिक है जो तुंरत राष्ट्रीय टीम के खिलाड़ियों को मैच फीस देने की इजाजत नहीं देगा। लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि महासंघ एक स्तर तक वित्तीय स्रोतों को बढ़ाने में सफल रहेगा जिससे इस पहल को लागू किया जा सकेगा।
AIFF में जल्द होगा महिला विभाग : प्रभाकरण
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के महासचिव शाजी प्रभाकरण ने कहा कि महासंघ अपने ढांचागत सुधार के अंतर्गत महिलाओं के लिये विशेष विभाग बनाने की प्रक्रिया में है।प्रभाकरण ने वलांका अलेमाओ की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय संस्था की महिलाओं की उप समिति की पहली बैठक के दौरान यह बात कही।
इस बैठक में उप महासचिव सुनंदो धर, पूर्व भारतीय खिलाड़ी थोंगम तबाबी देवी और सुजाता कर भी शामिल थे।भारतीय महिला टीम के मुख्य कोच थॉमस डेनेरबी ने भी वीडियो कांफ्रेस के जरिये बैठक में हिस्सा लिया जिन्हें विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था।
प्रभाकरण ने एआईएफएफ विज्ञप्ति में कहा, अब हम महिलाओं का अलग विभाग बनाने की प्रक्रिया में हैं। बालिकाओं के लिये फेस्टिव फॉर फुटबॉल एक जनवरी से राज्य संघों द्वारा आयोजित किया जायेगा जो देश भर में महिलाओं की फुटबॉल को प्रोमोट करने के लिये होगा।
समिति ने सिफारिश की कि राष्ट्रीय टीम की और अधिक पूर्व खिलाड़ियों को एआईएफएफ की स्काउटिंग विंग में शामिल किया जाना चाहिए ताकिवे पूरे देश से प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को तलाश सकें।समिति को लगता है कि भारत को 13 साल की उम्र से ही प्रतिभाओं को तलाशना शुरू कर देना चाहिए और फिर उन्हें तराशना चाहिए।