नई दिल्ली। पूर्व भारतीय खिलाड़ी और अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) की चयन समिति के अध्यक्ष रोहित राजपाल को सोमवार को पाकिस्तान के खिलाफ उसकी सरजमीं पर होने वाले आगामी डेविस कप मुकाबले के लिए भारत का गैर खिलाड़ी कप्तान बनाया गया।
इस तरह की अटकलें थी कि अनुभवी लिएंडर पेस को इस पद के लिए चुना जा सकता है क्योंकि शीर्ष खिलाड़ियों और कप्तान महेश भूपति के हटने के बाद उन्होंने स्वयं को उपलब्ध रखा था।
भारत के सुरक्षा संबंधी चिंता जताने के बाद इस्लामाबाद में 29 और 30 नवंबर को होने वाले इस मुकाबले को पहले ही एक बार स्थगित किया जा चुका है। एआईटीए ने चंडीगढ़ में अपनी वार्षिक आम बैठक में राजपाल को नियुक्त करने का फैसला किया।
एआईटीए के एक सूत्र ने बताया, ‘पूर्व अध्यक्ष अनिल खन्ना और निवर्तमान प्रवीण महाजन ने रोहित राजपाल के नाम का प्रस्ताव रखा और सभी इस पर सहमत हो गए। राजपाल गैर खिलाड़ी कप्तान के रूप में पाकिस्तान जाएंगे और फिलहाल यह इंतजाम सिर्फ इस मुकाबले के लिए किया गया है।’
एआईटीए ने अंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ (आईटीएफ) से इस मुकाबले को तटस्थ स्थान पर स्थानांतरित करने का आग्रह किया था और विश्व टेनिस की संचालन संस्था सोमवार को इस संदर्भ में फैसला कर सकती है।
इस मुकाबले का आयोजन पहले सितंबर में होना था लेकिन दोनों देशों के बीच राजनयिक तनाव के कारण भारत के अपने खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताने के बाद इसे स्थगित कर दिया गया था।
भारत के जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के फैसले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया।
राजपाल ने 1990 में सियोल में कोरिया के खिलाफ डेविस कप में पदार्पण किया जहां भारत को 0-5 से व्हाइटवाश का सामना करना पड़ा था। राजपाल ने सिर्फ इसी मुकाबले में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। उन्हें महज औपचारिकता के चौथे मैच में जेई सिक किम के खिलाफ 1-6, 2-6 से हार का सामना करना पड़ा था।
पिछले साल नवंबर में 5 सदस्यीय चयन पैनल के अध्यक्ष बनाए गए 48 साल के राजपाल को यह दूसरी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। भारतीय जनता पार्टी की राज्य इकाई के सदस्य राजपाल दिल्ली लान टेनिस संघ के अध्यक्ष भी हैं। पता चला है कि भूपति के पूर्ववर्ती पूर्व कप्तान आनंद अमृतराज भी पाकिस्तान के खिलाफ टीम की अगुआई करने के लिए वापसी के इच्छुक थे।
अमृतराज हालांकि आश्वासन चाहते थे कि अगर उनकी वापसी होती है तो यह कम से कम 1 या 2 साल के लिए हो। सूत्र ने बताया कि इस पद के लिए किसी और नाम पर विचार नहीं हुआ। यह देखना रोचक होगा कि कप्तान के रूप में भूपति की वापसी होगी या किसी और नए नाम पर विचार होगा। भूपति का कार्यकाल खत्म हो गया है।