लंदन। निचली रैंकिंग वाली आयरलैंड के सामने उलटफेर की शिकार भारतीय महिला हॉकी टीम को विश्व कप में नाकआउट चरण में पहुंचने की उम्मीद बरकरार रखने के लिए कल पूल बी के मैच में अमेरिका से कम से कम ड्रॉ की जरूरत होगी।
दुनिया की दूसरे नंबर की टीम इंग्लैंड के खिलाफ शुरुआती बढ़त हासिल करने के बाजूद पहले मैच में ड्रॉ खेलने वाली रानी रामपाल की अगुवाई वाली भारतीय टीम को दूसरे राउंड रोबिन मैच में आयरलैंड से 0-1 से निराशाजनक हार का मुंह देखना पड़ा जिससे उसकी सीधे क्वार्टरफाइनल में प्रवेश की संभावना क्षीण हो गई।
चार पूल से शीर्ष टीमें ही सीधे क्वार्टरफाइनल के लिए क्वालीफाई करती हैं जबकि बचे हुए चार स्थान क्रास-ओवर चरण से भरे जाएंगे।
अपने पूल में दूसरे और तीसरे स्थान पर रहने वाली टीमें क्रास-ओवर चरण में एक दूसरे से भिड़ेंगी, फिर चार ग्रुप की शीर्ष टीमें क्वार्टरफाइनल में पहुंचेंगी।
इंग्लैंड के खिलाफ 1-1 से ड्रॉ, आयरलैंड के खिलाफ 0-1 की हार से भारतीय टीम पूल बी अंक तालिका में तीसरे स्थान पर काबिज है।
अमेरिका ने भी इंग्लैंड से ड्रॉ खेला है और उसे भी आयरलैंड से 1-3 से हार मिली। हालांकि दोनों टीमों के एक एक अंक हैं लेकिन भारतीय टीम गोल अंतर में आगे है।
क्वार्टरफाइनल के लिए दौड़ में बने हरने के लिए भारत को रविवार को होने वाले मैच में जीत या ड्रॉ की जरूरत है।
मुख्य कोच शोर्ड मारिन ने कहा, रविवार को होने वाले इस मैच में हमारे लिए जीत दर्ज करना जरूरी है और इसमें कोई शक नहीं है।
भारत को इंग्लैंड के खिलाफ कोई भी पेनल्टी कार्नर नहीं मिला लेकिन आयरलैंड के खिलाफ उसे सात बार मौका मिला लेकिन टीम इसमें से किसी को भी गोल में नहीं बदल सकी। हालांकि रानी एंड कंपनी कल इस मुकाबले में वही गलतियां दोहराना नहीं चाहेगी।
मारिन ने कहा, टीम का संयोजन और रणनीति अच्छी है जिससे हमने सर्कल में कई मौके बनाए लेकिन इन मौकों को गोल में नहीं बदल सके जो हमारे लिए महंगा साबित हुआ।
उन्होंने कहा, हमारा डिफेंस अमेरिका के खिलाफ हमारे लिए फायदेमंद होगा। आयरलैंड से मिली हार ने हमारे आत्मविश्वास को प्रभावित नहीं किया है क्योंकि हम जानते हैं कि हमने उनके खिलाफ काफी मौके बनाए जबकि हमारा डिफेंस मजबूत रहा। हम यही चीज अमेरिका के खिलाफ भी कर सकते हैं। (वार्ता)