नई दिल्ली। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने नए कृषि कानूनों के विरोध का समर्थन करने वाले खिलाड़ियों से गतिरोध का समाधान करने के लिए सरकार पर भरोसा बनाए रखने का आग्रह करते हुए कहा कि उन्हें अपने राष्ट्रीय सम्मानों और विरोध को 2 अलग-अलग चीजों के रूप में देखना चाहिए।
किसानों के प्रति अपना एकजुटता दिखाते हुए खेलरत्न पुरस्कार विजेता विजेंदर सिंह सहित पंजाब और हरियाणा के कुछ खिलाड़ियों ने अपने राष्ट्रीय खेल पुरस्कार वापस लौटाने की धमकी दी है। आईओए अध्यक्ष नरिंदर बत्रा और महासचिव राजीव मेहता ने संयुक्त बयान में कहा कि हाल में खिलाड़ियों को मौजूदा किसान मसले के समर्थन में अपने राष्ट्रीय पुरस्कारों को लौटाने की घोषणा करते हुए देखा गया है। राष्ट्रीय पुरस्कार और किसानों का मसला 2 अलग-अलग चीजें हैं।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक भारतीय जिनमें हम भी शामिल हैं, किसानों से प्यार और उनका समर्थन करते हैं और हम हमेशा चाहते हैं कि हमारा किसान समुदाय खुश रहे, क्योंकि वे हमारे देश के अन्नदाता हैं। आईओए अधिकारियों ने इस मसले के जल्द समाधान की उम्मीद जताई और खिलाड़ियों से सरकार और किसान नेताओं के बीच बातचीत के परिणाम का इंतजार करने का आग्रह किया। अगले दौर की बातचीत मंगलवार को होनी है।
उन्होंने कहा कि सरकार और किसान नेताओं के बीच बातचीत चल रही है और हमें जल्द ही इस मामले के समाधान की उम्मीद है। ऐसे समय में हमें अपनी सरकार और बातचीत में भाग ले रहे किसान नेताओं पर भरोसा रखना चाहिए।
एशियाई खेलों के 2 बार के स्वर्ण पदक विजेता पूर्व पहलवान करतार सिंह की अगुवाई में पंजाब के कुछ खिलाड़ियों ने किसानों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए 35 राष्ट्रीय खेल पुरस्कार लौटाने के लिए राष्ट्रपति भवन की ओर मार्च किया लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया। मार्च करने वाले खिलाड़ियों ने दावा किया कि उन्हें कई अर्जुन पुरस्कार और अन्य राष्ट्रीय खेल पुरस्कार विजेताओं का समर्थन हासिल है।
इससे पहले खेलरत्न पुरस्कार विजेता और मुक्केबाजी में भारत के पहले ओलंपिक पदक विजेता विजेंदर सिंह ने भी किसानों के समर्थन में अपना पुरस्कार लौटाने की धमकी दी थी। नए कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब और हरियाणा के हजारों किसान दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर एक हफ्ते से अधिक समय से डटे हुए हैं। (भाषा)