जकार्ता। भारत की स्क्वॉश खिलाड़ियों दीपिका पल्लीकल कार्तिक और जोशना चिनप्पा को 18वें एशियाई खेलों की स्क्वॉश स्पर्धा के महिला एकल वर्ग में अपने प्रतिद्वंद्वियों से मिली शिकस्त से कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।
दीपिका को मलेशियाई धुरंधर और दुनिया की पूर्व नंबर 1 खिलाड़ी और 3 बार की चैंपियन निकोल डेविड ने सेमीफाइनल में 3-0 (11-7, 11-9, 11-6) से हराया जबकि जोशना को मलेशिया की सिवासांगरी सुब्रमण्यम से 1-3 (10-12, 6-11, 11-9, 7-11) से हार मिली। भारतीय खिलाड़ी दीपिका ने जापान की काबायाशी मिसकायी को क्वार्टर फाइनल में 3-0 से हराया था।
सेमीफाइनल में हारने वाले दोनों खिलाड़ियों को कांस्य पदक मिलता है और इसमें कोई कांस्य पदक प्लेऑफ नहीं होता। सौरव घोषाल टूर्नामेंट में एकमात्र भारतीय स्क्वॉश खिलाड़ी बचे हैं और वे पुरुष एकल सेमीफाइनल्स में हांगकांग के अयू चुन मिंग से भिड़ेंगे।
दीपिका ने इंचियोन में 2014 एशियाई खेलों में भी कांस्य पदक जीता था। उन्होंने कहा कि दुनिया की नौवें नंबर की खिलाड़ी निकोल के खिलाफ खेलना आसान नहीं था। उन्होंने कहा कि वह अनुभवी है और उसे पता है कि हालात का सामना कैसे करना है। वह 10 साल तक दुनिया की नंबर 1 खिलाड़ी रही है। मुझे खुशी है कि मैंने अच्छा खेला लेकिन शीर्ष हॉफ में होने से निकोल से सामना हो गया।
उन्होंने कहा कि हम टीम में स्वर्ण जीत सकते हैं। एकल में क्या हुआ, इसके बारे में ज्यादा सोचने का फायदा नहीं है। वापसी करना मुश्किल है लेकिन हमें करना होगा। हमारे सामने बड़ा लक्ष्य है और हम अभी जश्न नहीं मना सकते। भारतीय महिला टीम ने इंचियोन में रजत पदक जीता था।
भारतीय स्क्वॉश खिलाड़ी पिछले कुछ समय से नियमित कोच के बिना खेल रहे हैं। एसआरएफआई ने साइरस पोंचा और भुवनेश्वरी कुमारी को बतौर कोच भेजा था लेकिन दीपिका ने कहा कि खिलाड़ी एक-दूसरे की मदद करना पसंद करते हैं।
हम सभी को खिलाड़ियों की कोचिंग पसंद है। खिलाड़ी ही खिलाड़ी से बात करेंगे। खिलाड़ियों ने यह फैसला लिया है। हरिंदर पाल संधू, सौरव घोषाल और मैं मिलकर अभ्यास करते हैं। (भाषा)