टोक्यो: जापान की एक चिकित्सा संस्था का प्रतिनिधित्व करने वाले डॉ. नाओतो उएयामा ने गुरुवार को चेताया कि अगर निलंबित टोक्यो ओलंपिक का आयोजन दो महीने के भीतर किया गया तो इससे कोरोना वायरस के विभिन्न प्रकारों का प्रसार हो सकता है।
जापान डॉक्टर्स यूनियन के अध्यक्ष उएयामा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) और जापान की सरकार ने 200 से अधिक देशों और क्षेत्रों के 15000 ओलंपिक और पैरालंपिक खिलाड़ियों सहित हजारों अधिकारियों, जजों, मीडिया और प्रसारणकर्ताओं को देश में लाने के जोखिम को कमतर आंका है।
उएयामा ने यहां जापान विदेशी संवाददाता क्लब में कहा, कोविड-19 के सामने आने के बाद से दुनिया भर के इतने अधिक देशों के लोगों का एक ही जगह पर इतना खतरनाक जमावड़ा नहीं लगा। इसकी भविष्यवाणी करना बेहद मुश्किल है कि इससे क्या हो सकता है।
उएयामा ने हालांकि वायरस की तुलना पारंपरिक जंग की स्थिति से की और कहा कि वह तोक्यो के बाहर अस्पताल में काम करने के अपने स्वयं के अनुबंध के आधार पर यह बात कह रहे हैं। वह ओलंपिक की योजना बनाने से किसी भी तरह से नहीं जुड़े हैं।
उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि यहां महत्वपूर्ण यह है कि अगर ओलंपिक के कारण वायरस का कोई नया प्रकार सामने आ गया तो क्या होगा।
आईओसी और स्थानीय आयोजकों ने कहा है कि वे जनस्वास्थ्य दिशानिर्देशों के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन पर निर्भर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ओलंपिक और पैरालंपिक सुरक्षित होंगे और इस दौरान विस्तृत परीक्षण, कड़े नियमों, सामाजिक दूरी और ओलंपिक खेल गांव के साथ तोक्यो खाड़ी में खिलाड़ियों को अधिकांश समय अलग थलग रखने पर ध्यान दिया जाएगा।
टोक्यो ओलंपिक रद्द करने की याचिका पर चार लाख से अधिक लोगों ने किए हस्ताक्षर
कोरोना महामारी के कारण आगामी टोक्यो ओलंपिक एवं पैरालंपिक खेलों को रद्द करने को लेकर लॉन्च की गई ऑनलाइन याचिका पर चार लाख से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर कर दिए हैं।
जापान के एक प्रतिष्ठित वकील एवं राजनेता केनजी उत्सुनोमिया ने पांच मई को यह ऑनलाइन याचिका पेश की थी। अंतराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष थॉमस बाक , अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति के अध्यक्ष एंड्रयू पार्सन्स, जापान के प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा, ओलंपिक मामलों के मंत्री तामायो मारुकावा, टोक्यो ओलंपिक एवं पैरालंपिक आयोजन समिति के अध्यक्ष सेइको हाशिमोतो और टोक्यो के गवर्नर यूरिको कोइके के नाम लिखी गई इस याचिका में कहा गया है कि आयोजक वर्तमान में जबरदस्ती टोक्यो ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों को आगे बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं, जबकि टोक्यो और जापान के अन्य प्रांतों के साथ-साथ दुनिया भर के सभी देश जानलेवा वायरस के प्रसार को रोकने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
याचिका में यह भी कहा गया है कि अनगिनत स्वास्थ्यकर्मियों, चिकित्सा संस्थानों और मूल्यवान चिकित्सा संसाधनों की मदद के बिना टोक्यो ओलंपिक खेलों का आयोजन संभव नहीं होगा। कई चिकित्सा पेशेवरों ने हालांकि पहले ही लोगों को सूचित किया है कि यहां अधिक चिकित्सा मांगों के लिए कोई जगह नहीं है। यह बहुत संभव है कि ओलंपिक का आयोजन सुपर-स्प्रेडर (तेजी से संक्रमण फैलना) होगा और तब स्थिति वर्तमान से भी ज्यादा खराब हो जाएगी।
कुछ जापानी सर्वेक्षणों के मुताबिक जापान की अधिकतर लोग ओलंपिक रद्द करने के पक्ष में हैं। यहां तक कि टोक्यो ओलंपिक एवं पैरालंपिक खेलों के आधिकारिक मीडिया पार्टनर में से एक जापानी समाचार पत्र असाही शिंबुन ने बुधवार को सार्वजनिक सुरक्षा के लिए कोरोना महामारी संबंधी खतरों और देश की स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली पर दबाव का हवाला देते हुए जापान के प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा से ओलंपिक खेलों को रद्द करने का आग्रह किया है।
टोक्यो सहित ओलंपिक की मेजबानी करने वाले जापान के अधिकतर प्रांतों में गुरुवार तक कोरोना संक्रमण के चलते आपातकाल जारी रहा।