नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रियो पैरालंपिक के स्वर्ण पदक विजेता भाला फेंक एथलीट देवेंद्र झाझरिया और पूर्व भारतीय हॉकी कप्तान सरदार सिंह को मंगलवार को खेल दिवस के दिन देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न, 17 खिलाड़ियों को प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार और छह कोचों को द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया।
राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति भवन के भव्य दरबार हॉल में आयोजित समारोह में खिलाड़ियों को राष्ट्रीय खेल पुरस्कार प्रदान किए। 36 वर्षीय झाझरिया इस तरह खेल रत्न बनने वाले पहले पैरा एथलीट बन गए। झाझरिया ने गत वर्ष रियो पैरालंपिक में भाला फेंक एफ-46 स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। पूर्व हॉकी कप्तान और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ मिडफील्डरों में शुमार सरदार के सिर भी खेल रत्न सज गया।
समारोह में राष्ट्रपति ने छह कोचों को द्रोणाचार्य पुरस्कार, 17 खिलाड़ियों को अर्जुन पुरस्कार और तीन खिलाड़ियों को आजीवन ध्यानचंद पुरस्कारों से सम्मानित किया। इसके अलावा तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहस पुरस्कार भी प्रदान किए गए। खेल रत्न में साढ़े सात लाख की पुरस्कार राशि दी गई जबकि अर्जुन, द्रोणाचार्य और ध्यानचंद में पांच-पांच लाख रुपए की पुरस्कार राशि दी गई।
केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल की मौजूदगी में स्वर्गीय एथलेटिक्स कोच डॉ. रामकृष्णन गांधी को द्रोणाचार्य सम्मान मिला। उनकी पत्नी डॉ. साई लक्ष्मीगांधी ने जब यह सम्मान ग्रहण किया तो पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाट से गूंज उठा।
पांच कोचों को लाइफ टाइम द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस सूची में से दो द्रोणाचार्यों के नाम पहले ही कट गए थे। इस साल द्रोणाचार्य पुरस्कार समिति ने जिन नामों की सिफारिश की थी, उनमें से कोच सत्यनारायण और कबड्डी कोच हीरानंद कटारिया के नाम हटा दिए गए थे।
सत्यनारायण के खिलाफ एक आपराधिक मामला अदालत में लंबित है जबकि कटारिया की कबड्डी में योगदान के लिए सिफारिश की गई थी लेकिन वह वुशू संघ में संयुक्त सचिव हैं और उनके बारे में दी गई जानकारियां सही हीं पाई गईं थीं।
36 वर्षीय झाझरिया ने गत वर्ष रियो पैरालंपिक और इससे पहले 2004 के एथेंस पैरालंपिक में भी भाला फेंक में स्वर्ण जीता था। राजस्थान के झाझरिया ने इसके अलावा 2013 की आईपीसी विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक और 2015 की ही आईपीसी विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था। झाझरिया ने 2004 और 2016 के पैरालंपिक खेलों में नए विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए स्वर्ण पदक जीते थे।
दुनिया के बेहतरीन मिडफील्डरों में शुमार सरदार की अगुवाई में भारत ने 2014 के इंचियोन एशियाई खेलों में 16 वर्ष के अंतराल के बाद जाकर हॉकी में स्वर्ण पदक हासिल किया था और रियो ओलंपिक के लिए सीधे क्वालीफाई किया था। सरदार जब 2008 के सुल्तान अजलान कप में भारतीय कप्तान बने थे तो उस समय कप्तानी संभालने वाले वह सबसे युवा कप्तान थे।
क्रिकेटर चेतेश्वर पुजारा और महिला क्रिकेटर हरमनप्रीत कौर को 'अर्जुन पुरस्कार' दिया गया लेकिन इंग्लैंड में काउंटी खेल रहे पुजारा इस सम्मान को ग्रहण करने के लिए खुद मौजूद नहीं हो सके। हरमनप्रीत ने महिला विश्वकप में सेमीफाइनल में गत चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नाबाद 171 रन की तूफानी पारी खेलकर भारत को फाइनल में पहुंचाया था, जहां भारत उपविजेता रहा था।
रियो पैरालंपिक में स्वर्ण जीतने वाले ऊंची कूद एथलीट मरियपन्न थंगावेलू और पैरालंपिक में ही पुरुष ऊंची कूद में कांस्य पदक हासिल करने वाले वरूण सिंह भाटी को 'अर्जुन सम्मान' मिला। इस तरह रियो पैरालंपिक के चार पदक विजेताओं में से तीन को इस बार पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। इन दोनों पैरा एथलीटों के पुरस्कार ग्रहण करने के समय सबसे अधिक तालियां बजी।
दो बार के इंडियन ओपन चैंपियन गोल्फर एसएसपी चौरसिया डेनमार्क के एलबोर्ग में यूरोपियन टूर के मेड इन डेनमार्क टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के बाद सीधे पुरस्कार समारोह में शामिल होने पहुंचे। गोल्फर चौरसिया ने 2016 और 2017 में लगातार इंडियन ओपन के खिताब जीतकर अपना नाम भारतीय गोल्फ इतिहास में दर्ज करा लिया है। चौरसिया इसके साथ ही यह पुरस्कार पाने वाले 19वें भारतीय गोल्फर बन गए।
भारतीय डेविस कप टीम में शामिल किए गए टेनिस खिलाड़ी साकेत मिनैनी, बास्केटबॉल खिलाड़ी प्रशांती सिंह, महिला फुटबॉलर ओनम बेमबेम देवी, महिला तीरंदाज वीजे सुरेखा, एथलीट खुशबीर कौर और अरोकिया राजीव, हॉकी खिलाड़ी एस वी सुनील, पहलवान सत्यव्रत कादियान, टेबल टेनिस खिलाड़ी एंथोनी अमलराज, निशानेबाज पीएन प्रकाश, कबड्डी खिलाड़ी जसवीर सिंह और मुक्केबाज़ देवेंद्रो सिंह को भी 'अर्जुन पुरस्कार' मिला।
समारोह में तेनजिंग नोर्गे साहसिक पुरस्कार और मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ट्रॉफी भी प्रदान की गई। पंजाबी विश्व विद्यालय पटियाला को यह ट्रॉफी और इसके साथ 10 लाख रुपए की पुरस्कार राशि मिली।
राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार चार संस्थानों को दिए गए। इसमें खेलों के विकास के लिए रिलांयस फांउडेशन को भी सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार लेने खुद नीता अंबानी मौजूद थीं और वह अवॉर्डियों की कतार में पूरे समय बैठी रहीं। नीता अंबानी अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति में भारत की एकमात्र प्रतिनिधि भी हैं।
पुरस्कार विजेता खिलाड़ी-
खेल रत्न - देवेंद्र झाझरिया (पैरा एथलीट) और सरदार सिंह(हॉकी)।
अर्जुन अवॉर्ड - चेतेश्वर पुजारा (क्रिकेट), हरमनप्रीत कौर (क्रिकेट), वरूण सिंह भाटी (पैरा एथलीट), प्रशांती सिंह (बास्केटबॉल), एसएसपी चौरसिया (गोल्फ), ओनम बेमबेम देवी (महिला फुटबॉल), साकेत मिनैनी (टेनिस),
मरियपन्न थंगावेलू (पैरा एथलीट), वीजे सुरेखा (तीरंदाजी), खुशबीर (एथलेटिक्स), अरोकिया राजीव (एथलेटिक्स), एस वी सुनील (हॉकी), सत्यव्रत कादियान (कुश्ती), एंथोनी अमलराज (टेबल टेनिस), पीएन प्रकाश (निशानेबाजी), जसवीर सिंह (कबड्डी), देवेंद्रो सिंह (मुक्केबाजी)।
द्रोणाचार्य पुरस्कार - स्वर्गीय डा. रामकृष्णन गांधी (एथलेटिक्स)
लाइफ टाइम द्रोणाचार्य अवॉर्ड - जीएसएसवी प्रसाद (बैडमिंटन), बृजभूषण मोहंती (मुक्केबाजी), पीए रफेल (हॉकी), संजय चक्रवर्ती (निशानेबाजी) और रौशन लाल (कुश्ती)।
ध्यानचंद अवॉर्ड - भूपेंद्र सिंह (एथलेटिक्स), सैयद शाहिद हकीम(फुटबाल) और सुमरई टेटे (हॉकी)।