Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

खेलो इंडिया का हाल बेहाल, कैसे होगा खेलों का उद्धार...

हमें फॉलो करें खेलो इंडिया का हाल बेहाल, कैसे होगा खेलों का उद्धार...
, बुधवार, 7 फ़रवरी 2018 (15:33 IST)
मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट खेलो इंडिया के माध्यम से सरकार खेलों को बढ़ावा देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य स्कूल स्तर से ही प्रतिभावान खिलाड़ियों की प्रतिभा को तराशकर उन्हें बेहतर मंच प्रदान करता है।
 
इस प्रोजेक्ट के माध्यम से कबड्डी, कुश्ती, बैडमिंटन जैसे खेलों से जुड़ी प्रतिभाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने के लिए तैयार किया जा रहा है। इन खेलों की जबरदस्त ब्रांडिंग की जा रही है। प्रशिक्षण से लेकर विज्ञापन तक सभी कार्यों के लिए पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है।
 
31 जनवरी से चल रही इस प्रतियोगिता में कई खेलों में बेहतर खिलाड़ियों का अभाव नजर आ रहा है। ऐसा ही नजारा कुश्ती में 42 किलोग्राम वर्ग में देखने को मिला। इसमें तीन ही पहलवान आए और तीनों को ही पदक मिल गए। तीनों खिलाड़ी तो पदक जीतकर खुश हो गए लेकिन यहां कुश्ती हार गई और बवाल मच गया।
 
सवाल यह भी उठ रहा है कि अगर इसी तरह से खिलाड़ियों को पदक रूपी रेवड़ी बांटना है और बेहतर खिलाड़ी छांटकर उन्हें 5 लाख रुपए साल की स्कॉलरशिप देना है तो वास्तविक प्रतिभाओं का क्या होगा? इस तरह की प्रतियोगिता न सिर्फ खेल के प्रति नीरसता उत्पन्न करेगी बल्कि खिलाड़ियों में खेल के प्रति रुचि भी कम करेगी।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

वेस्टइंडीज की धरती पर जून में होगा पहला डे-नाइट टेस्ट