स्टॉकहोम:ओलंपिक चैम्पियन नीरज चोपड़ा ने गुरूवार को प्रतिष्ठित डायमंड लीग में राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ते हुए रजत पदक जीता, वह काफी करीब से 90 मीटर दूर भाला फेंकने से चूक गये लेकिन उन्हें भरोसा है कि वह इस साल इस लक्ष्य को हासिल कर लेंगे।
नीरज पहली बार डायमंड लीग शीर्ष तीन में जगह बनाने में सफल रहे। 24 साल के एथलीट ने पहले ही प्रयास में 89.94 मीटर दूर भाला फेंका जिससे वह महज छह सेंटीमीटर से 90 मीटर से चूक गये।
इस दौरान उन्होंने अपने 89.30 मीटर के राष्ट्रीय रिकॉर्ड को बेहतर किया जो उन्होंने 14 जून को फिनलैंड के तुर्कु में पावो नुर्मी खेलों में दूसरे स्थान पर रहकर हासिल किया था।नीरज के अन्य थ्रो 84.37 मीटर, 87.46 मीटर, 84.77 मीटर, 86.67 मीटर और 86.84 मीटर के रहे।
चोपड़ा ने रजत पदक जीतने के बाद JSW स्पोर्ट्स से कहा, पहला थ्रो काफी अच्छा था, मुझे अच्छा लग रहा है। ऐसा नहीं था कि पहले थ्रो में ही करना है। 90 मीटर के काफी करीब था, और लग रहा था कि कर दूंगा, पर अपना सर्वश्रेष्ठ किया तो अच्छा लग रहा है।
विश्व चैम्पियन ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स ने 90.31 मीटर की दूरी से स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने यह दूरी तीसरे प्रयास में हासिल की।चोपड़ा ने कहा, मैं अब 90 मीटर के करीब हूं और इस साल मैं ऐसा कर सकता हूं। आज नहीं जीता लेकिन मुझे अच्छा लग रहा है क्योंकि मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ किया।
चोपड़ा अगस्त 2018 में ज्यूरिख में डायमंड लीग मीट में चौथे स्थान पर रहे थे। वह चार साल में पहली बार डायमंड लीग में खेल रहे थे। वह सात बार डायमंड लीग मीट - 2017 में तीन बार और 2018 में चार बार - में हिस्सा ले चुके हैं।
उन्होंने कहा, जब एंडरसन पीटर्स ने 90 मीटर की दूरी तय की तो मुझे भी लगा कि मुझे भी ऐसा करना होगा। मेरे दिमाग में था कि सब कुछ परफेक्ट होना चाहिए, भाला एक ही लाइन में जाना चाहिए और तकनीक परफेक्ट होनी चाहिए। जब सबकुछ परफेक्ट होगा तभी आप इतनी लंबी दूरी तक थ्रो कर सकते हो।
चोपड़ा ने कहा, प्रतिस्पर्धा थी लेकिन मैं खुश हूं कि मेरे सभी थ्रो काफी अच्छे थे। मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं। मैं लंबे समय बाद खेल रहा हूं और अगली प्रतियोगिता में अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करूंगा।
चोपड़ा की निगाहें 15 से 24 जुलाई तक अमेरिका के यूजीन में होने वाली विश्व चैम्पियनशिप में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर लगी हुई हैं। विश्व चैम्पियनशिप में भारत का सिर्फ एक ही पदक है जो लंबी कूद की महान एथलीट अंजू बॉबी जार्ज ने 2003 में कांस्य पदक से हासिल किया था, तो क्या इससे उन पर दबाव होगा।
इस पर उन्होंने कहा, नहीं, विश्व चैम्पियनशिप में एक ही पदक है, इसका कोई दबाव नहीं है। बस पूरी कोशिश करेंगे। वैसे ओरेगोन में जाकर ही पता चलेगा। हर प्रतियोगिता, प्रत्येक दिन अलग होता है। जब मैं ओरेगोन में खेलना शुरू करूंगा तो ही पता चलेगा कि मैं ओलंपिक चैम्पियन का दबाव महसूस कर रहा हूं या नहीं। चोपड़ा ने कहा, वैसे मैं बिना दबाव के खेलता हूं। मैं कड़ी ट्रेनिंग करता हूं और प्रतियोगिता में अपना शत प्रतिशत देने की कोशिश करता हूं।
हरियाणा के इस स्टार एथलीट ने कहा कि वह विश्व चैम्पियनशिप के लिये अपनी ट्रेनिंग में कोई बदलाव नहीं करेंगे।उन्होंने कहा, मेरी अगली प्रतियोगिता ओरेगोन में विश्व चैम्पियनशिप है। यह ज्यादा दूर नहीं है, इसलिये ट्रेनिंग में कुछ बदलाव नहीं करूंगा। लेकिन अपनी ट्रेनिंग में सुधार करना जारी रखूंगा। (भाषा)