लिस्बन। नेमार और काइलिन मबापे पेरिस सेंट जर्मेन (पीएसजी) की चैंपियंस लीग फाइनल में बायर्न म्यूनिख के हाथों 1-0 से हार के बाद बेहद निराश थे क्योंकि उन्हें आखिर तक इस परिणाम की उम्मीद नहीं थी। ये दोनों खिलाड़ी पीएसजी की बेंच पर अगल बगल में बैठे थे। मबापे के चेहरे पर मायूसी साफ दिख रही थी जबकि नेमार अपने आंसू नहीं रोक पाए और उन्होंने अपना मुंह ढक दिया।
पीएसजी का चैंपियंस लीग का अपना पहला खिताब जीतने का इंतजार एक साल और बढ़ गया क्योंकि नेमार और मबापे फाइनल में अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरे। इन दोनों ने लचर प्रदर्शन किया। फ्रांसीसी टीम के सबसे बड़े स्टार खिलाड़ियों ने अपनी टीम को पहली बार यूरोपीय क्लब टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचाया था लेकिन खिताबी मुकाबले में वे किसी भी समय अपने असली रंग में नहीं दिखे।
पीएसजी ने पहली बार चैंपियंस लीग जीतने के लिए इन खिलाड़ियों पर करोड़ों डॉलर खर्च किए लेकिन निर्णायक मैच में उनका जादू नहीं चला। मबापे और नेमार दोनों को पहले हाफ में मौके मिले लेकिन वे उसका फायदा नहीं उठा पाए। दूसरे हाफ में तो वे किसी भी समय अपना प्रभाव नहीं छोड़ पाये। बायर्न ने 59वें मिनट में बढ़त हासिल कर ली थी और पीएसजी को वापसी दिलाने का जिम्मा इन दोनों खिलाड़ियों पर था।
पीएसजी के कोच थामस टचेल ने कहा, ‘पिछले कुछ सप्ताहों में हमने वह सब कुछ किया जो जीत के लिए जरूरी होता है। फुटबॉल में आपको यह स्वीकार करना होगा कि भाग्य भी बड़ी भूमिका निभा सकता है। हमारे पास मौके थे लेकिन हम गोल नहीं कर पाए, लेकिन हम यह नहीं कह सकते कि यह किसी की गलती है।’ नेमार के पास 18वें मिनट में गोल करने का मौका था लेकिन उनका शॉट नेयुर ने रोक दिया। मबापे को भी बायर्न के गोलमुख के पास दो मौके मिले लेकिन वे विरोधी टीम के रक्षकों को नहीं छका पाए।
यह जोड़ी इसके बाद दूसरे हाफ में पीएसजी को मिले सर्वश्रेष्ठ अवसरों को भी नहीं भुना सकी। मबापे 72वें मिनट में तेजी से गेंद लेकर आगे बढ़े लेकिन वे गोल करने में नाकाम रहे। नेमार के पास इंजुरी टाइम में मौका था लेकिन उन्हें भी असफलता ही देखने को मिली।