मुंबई। भारतीय बैडमिंटन टीम के मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद को उम्मीद है कि भारत 2020 में टोक्यो में होने वाले ओलंपिक में इस खेल का पहला स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहेगा। गोपीचंद ने सोमवार को यहां एक कार्यक्रम से इतर कहा, पिछले कुछ वर्षों में हमने पिछली बार की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है।
उन्होंने कहा, बीजिंग ओलंपिक 2008 में क्वार्टर फाइनल में पहुंचना अच्छा परिणाम था। इसके बाद 2012 (लंदन ओलंपिक) में हमने पहली बार कांस्य पदक (साइना नेहवाल) जीता और 2016 (रियो ओलंपिक) में पहला रजत पदक (पीवी सिंधू) हासिल किया।
उम्मीद है कि 2020 (टोक्यो ओलंपिक) में हम पहला स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहेंगे। गोपीचंद ने कहा कि पहले बैडमिंटन को पुरुष एकल खिलाड़ियों जैसे नंदू नाटेकर, सुरेश गोयल और प्रकाश पादुकोण और अन्य के कारण जाना जाता था लेकिन साइना नेहवाल ने धारणा बदल दी।
उन्होंने कहा, इन खिलाड़ियों (साइना और सिंधू के संदर्भ में) के आने से पहले बैडमिंटन मुख्य रूप से पुरुष एकल खिलाड़ियों के कारण जाना जाता था जैसे नंदू नाटेकर, सुरेश गोयल, प्रकाश (पादुकोण) सर और सैयद मोदी। यह धारणा बदली और इसमें साइना की भूमिका अहम रही।