ग्वांगझू। पीवी सिंधू के विश्व टूर फाइनल्स का खिताब जीतने के बाद राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद की नजरें अगले साल ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप में भारत के 18 वर्षों से खिताबी सूखे को खत्म करने पर लगी हैं। गोपीचंद ने यह खिताब 2001 में जीता था जिसके बाद कोई और भारतीय खिलाड़ी इस खिताब को नहीं जीत सका। गोपीचंद से 21 साल पहले 1980 में प्रकाश पादुकोण इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के विजेता बने थे।
गोपीचंद से जब अगले लक्ष्य के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमारे लिए 2020 और 2022 काफी अहम वर्ष है। इन वर्षों में ओलंपिक, राष्ट्रमंडल खेल और एशियाई खेल खेले जाने हैं, जो बड़े टूर्नामेंट हैं। अगले साल के लिए हमारा लक्ष्य ऑल इंग्लैंड टूर्नामेंट है और काफी समय हो गया, जब हमने ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप नहीं जीती। प्रकाश सर के जीतने के लगभग 20 साल बाद मैं चैंपियन बना था। मुझे उम्मीद है कि इस बार इसमें इतना ज्यादा समय नहीं लगेगा।
सिंधू विश्व टूर फाइनल्स का खिताब जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनीं। लगातार तीसरी बार सत्रांत फाइनल्स में खेलने वाली सिंधू इस साल राष्ट्रमंडल खेलों, एशियाई खेलों और विश्व चैंपियनशिप पर रजत पदक विजेता रही जबकि वह इंडियन ओपन और थाईलैंड ओपन में उपविजेता रही।
गोपीचंद ने कहा कि मुझे लगता है कि उसने जिस तरह से खेला, उस हिसाब से यह शानदार टूर्नामेंट रहा। एक ही टूर्नामेंट में अकाने यामागुची, नोजोमी ओकुहारा, रतनाचोक इंतानोन जैसी खिलाड़ियों को हराना बेहद ही खास है। उसने साल का अंत शिखर पर रहते हुए खत्म किया है। वह इस साल के बड़े टूर्नामेंटों में पदक जीतने में सफल रही, जो उसका लक्ष्य था।
उन्होंने कहा कि साल का अंत इस तरह से करना शानदार है लेकिन इससे भी जरूरी यह है कि अगले साल जीत से शुरुआत करें।