ओडेंसे। भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों का पिछले कुछ अर्से से खेल में दबदबा रहा है लेकिन मुख्य राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद का मानना है कि अभी देश को इस खेल में महाशक्ति बनने के लिए लंबा सफर तय करना है।
पिछले कुछ अर्से में पीवी सिंधु ने ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीते और कई सुपर सीरीज खिताब अपने नाम किए। साइना नेहवाल ने चोट से उबरने के बाद वापसी करते हुए विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता जबकि किदाम्बी श्रीकांत ने एक सत्र में 3 सुपर सीरीज खिताब अपने नाम किए।
यह पूछने पर कि क्या भारत अब बैडमिंटन में विश्व विजेता बन गया है? गोपीचंद ने कहा कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी। उन्होंने प्रेस ट्रस्ट को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि अभी एक व्यवस्था के तौर पर हम इसके लिए तैयार नहीं है। अभी बहुत से लोग विश्व स्तर पर खेल को समझते नहीं है, लिहाजा यह कहना जल्दबाजी होगी। हमारे पास अपार संभावनाएं हैं लेकिन व्यवस्था को दुरुस्त करने की जरूरत है। पिछले 1 साल में भारतीय खिलाड़ियों ने 6 सुपर सीरीज खिताब जीते। श्रीकांत की हैट्रिक के अलावा सिंधु ने 2 और बी. साइ प्रणीत ने 1 खिताब जीता।
गोपीचंद ने कहा कि यह साल अच्छा रहा। हमने विश्व चैंपियनशिप, सुपर सीरीज में अच्छा प्रदर्शन किया। बड़े टूर्नामेंटों में प्रदर्शन अच्छा रहा और अगले 2-3 सालों के लिए यह मील का पत्थर रहा जिसमें राष्ट्रमंडल खेल, एशियाई खेल, ओलंपिक क्वालीफिकेशन और टोकियो ओलंपिक खेलने हैं।
यह पूछने पर कि अगले साल सही समय पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए क्या तैयारी है? गोपीचंद ने कहा कि हमें अगले साल के लिए चरणबद्ध तरीके से तैयारी करनी है। यह काफी चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि कई बड़े टूर्नामेंट आसपास ही होने हैं।
उन्होंने कहा कि ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप और राष्ट्रमंडल खेल आसपास हैं। इसके अलावा विश्व चैंपियनशिप और एशियाई खेल आसपास हैं और फिर कई ऐसे टूर्नामेंट हैं जिनसे रैंकिंग तय होगी। यह चुनौतीपूर्ण है। हमारे लिए कठिन होगा लेकिन हम इससे निपट लेंगे।
यह पूछने पर कि क्या ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप की चमक कम हो गई है? गोपीचंद ने कहा कि समय बदल रहा है। ऑल इंग्लैंड का अपना इतिहास रहा है और कई पुराने लोग इसे विश्व चैंपियनशिप या ओलंपिक की तरह मानते हैं। आज के दौर में ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप ने अपनी जगह बना ली है। उन्होंने स्वीकार किया कि सुपर सीरीज प्रीमियर के आने और इससे जुड़ी धनराशि के कारण हालात बदलना तय है।
साइना हाल ही में उनके मार्गदर्शन में अभ्यास के लिए हैदराबाद लौटी, जो पिछले 3 साल से बेंगलुरु में विमल कुमार के साथ अभ्यास कर रही थी। यह पूछने पर कि साइना को विश्व रैंकिंग में फिर नंबर एक तक पहुंचने के लिए कितनी मेहनत करनी होगी? गोपीचंद ने कहा कि उसे कई पहलुओं पर काम करना है। उसके भीतर अच्छे प्रदर्शन की ललक है और ईश्वर ने चाहा तो हम फिर वहां तक पहुंचेंगे। (भाषा)