नई दिल्ली। ओलंपिक और विश्व चैम्पियनशिप की रजत पदकधारी पीवी सिंधू को लगता है कि बैडमिंटन में प्रयोगात्मक सर्विस नियम का इस्तेमाल इससे बेहतर समय में किया जा सकता था। नए नियम के अनुसार, ‘सर्विस करने वाले खिलाड़ी के रैकेट से हिट होने से तुरंत पहले पूरी शटल कोर्ट की सतह से 1.15 मीटर की ऊंचाई से नीचे तक होनी चाहिए। इस नियम का अगले साल की ऑल इंग्लैंड ओपन चैम्पियनशिप में परीक्षण किया जाएगा।
सिंधू से यहां जब सर्विस में प्रयोग करने के नियम के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि इसे किसी और समय इस्तेमाल किया जाना चाहिए था। ऑल इंग्लैंड चैम्पियनशिप की बजाय किसी अन्य अलग टूर्नामेंट में इसका इस्तेमाल किया जा सकता था, क्योंकि यह हर किसी के लिए काफी प्रतिष्ठित टूर्नामेंट है।
उन्होंने कहा कि जहां तक मेरी सर्विस का संबंध है तो मैं कोशिश कर रही हूं लेकिन इसमें कोई ज्यादा समस्या नहीं होनी चाहिए। हमें सिर्फ इसके अभ्यास की जरूरत होगी। साइना नेहवाल और कैरोलिना मारिन जैसी शीर्ष खिलाड़ियों ने व्यस्त अंतरराष्ट्रीय कैलेंडर की आलोचना की है लेकिन सिंधू ने कहा कि इसके बारे में बात करने का कोई फायदा नहीं है।
उन्होंने कहा कि कैलेंडर पहले ही आ चुका है इसलिए हम अब यह नहीं कह सकते कि हम नहीं खेलेंगे। निश्चित रूप से यह काफी मुश्किल कार्यक्रम है, जिसमें विश्व चैंपियनशिप, एशियाई खेल और राष्ट्रमंडल खेल शामिल हैं। मैं टूर्नामेंट का चुनाव करूंगी और कोच के साथ इसकी योजना बनाऊंगी। बैडमिंटन विश्व महासंघ (बीडब्ल्यूएफ) ने 2018 के कार्यक्रम में शीर्ष खिलाड़ियों को साल में कम से कम 12 टूर्नामेंट में खेलना अनिवार्य कर दिया है जिससे उसकी काफी आलोचना भी हुई थी। (भाषा)