भुवनेश्वर। भारत को खेलों के मानचित्र में अहम मुकाम दिलाने को प्राथमिकता बताते हुए खेलमंत्री कर्नल राज्यवर्धनसिंह राठौड़ ने कहा कि साल 2018 भारत के लिए खेलों का साल होगा और उनका मंत्रालय पूरी तरह से खिलाड़ियों की सहायता के लिए तत्पर है।
यहां हॉकी विश्व लीग फाइनल के आखिरी दिन फाइनल और कांस्य पदक का मुकाबला देखने आए राठौड़ ने कहा कि अगले साल एशियाई खेल, राष्ट्रमंडल खेल और हॉकी विश्व कप होना है लिहाजा यह भारत के लिए खेलों का साल है और खेल मंत्रालय हर तरह से पूरा सहयोग देने के लिए तैयार है।
उन्होंने हॉकी विश्व लीग में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम की तारीफ करते हुए कहा कि भारत का प्रदर्शन हॉकी में पिछले कुछ अर्से में बहुत अच्छा रहा है और यहां भी टीम ने अच्छी वापसी की। टूर्नामेंट में भारत की टीम सबसे युवा थी और हमारे पास मजबूत बैंच स्ट्रेंथ है।
अगले साल होने वाले अहम टूर्नामेंटों की तैयारी के लिए यह अच्छा मंच रहा। उन्होंने खेल मंत्रालय की ‘खेलो भारत’योजना का जिक्र करते हुए कहा कि बतौर खिलाड़ी उनका मानना है कि यह योजना पूववर्ती योजनाओं से अलग है। राठौड़ ने कहा कि अभी तक बुनियादी ढांचा खड़ा करने पर ही फोकस किया जाता रहा है जो सबसे आसान होता है लेकिन हमारा फोकस उसके रखरखाव और इस्तेमाल पर है।
हमने खिलाड़ियों को केंद्र में रखा है जिसके तहत हर साल एक हजार खिलाड़ियों को सालाना पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। हर साल इसमें एक हजार नए खिलाड़ी जोड़े जाएंगे और इसके लिए 250 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है।
ओडिशा सरकार ने हॉकी खिलाड़ियों के लिए दस दस लाख रुपए नकद पुरस्कार का ऐलान किया, खेल मंत्रालय की ओर से ऐसे किसी पुरस्कार के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि हमारी पुरस्कार के लिए अपनी नीति है और इसके तहत सतत पुरस्कार दिए जाते हैं। भारत उन शीर्ष पांच देशों में से है जहां खिलाड़ियों को सबसे ज्यादा पुरस्कार दिए जाते हैं। एक बार पुरस्कार देकर इतिश्री करने में हमारा भरोसा नहीं है।
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि उनका मंत्रालय खेल मंत्रालय के साथ मिलकर देश में खेलों को बढ़ावा देने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि ओएनजीसी ने यहां हॉकी विश्व लीग के प्रायोजन में अहम भूमिका निभाई। इस तरह आगे भी हम खेल मंत्रालय के साथ मिलकर काम करेंगे। (भाषा)