नई दिल्ली। युवा निशानेबाज सौरभ चौधरी की शांतचितता और पिस्टल से उनके अचूक निशानों से बेहद प्रभावित निशानेबाजी कोच अमित श्योराण ने कहा कि ओलंपिक खेल जब भी आयोजित होंगे तब उनका यह प्रिय शिष्य मानसिक और कौशल दोनों तरह से इनके लिए तैयार रहेगा।
कोच के अनुसार इस निशानेबाज के लिए यह मायने नहीं रखता कि ओलंपिक खेल कल से शुरू होंगे, अगले साल होंगे या दस साल बाद होंगे। श्योराण ने कहा, ‘ओलंपिक के स्थगित होने या अभी उनको लेकर बनी अनिश्चितता से वह किसी तरह से प्रभावित नहीं है।
उसने कहा कि चाहे उनका आयोजन अभी हो जाए या अगले साल हो या फिर दस साल बाद ही क्यों न हो, यह किसी के नियंत्रण में नहीं है और उनका काम अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ तैयारियां करना है ताकि उन्हें प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने का मौका मिल सके।’
पिछले कई वर्षों से चौधरी के साथ काम करने से कोच को यह बात अच्छी तरह से पता है कि उनका यह शिष्य बाकी लोगों की तुलना में बहुत कम परेशान होता है और देश के अपने अन्य प्रतिभाशाली साथियों में तुलना में चीजों को अधिक सहजता से लेता है। ऐसा तब है कि जब उनकी उम्र अभी केवल 17 साल है।
चोधरी अगले ओलंपिक तक बालिग हो जाएंगे और श्योराण को पूरा विश्वास है कि जीवन के इस चरण में भी वह अपने साथ अपनी शांतचितता और उत्कृष्ट कौशल को बनाए रखेंगे। कोविड-19 महामारी के कारण टोक्यो ओलंपिक खेलों को एक साल के लिए स्थगित कर दिया गया है और ऐसी आशंकाएं भी जतायी जा रही है कि अगर स्थिति सामान्य नहीं हुई तो इन खेलों को रद्द भी किया जा सकता है।
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के बिनौली में निशानेबाजी अकादमी चलाने वाले श्योराण ने कहा कि चौधरी अपना ध्यान केवल अभ्यास पर दे रहे हैं तथा मेरठ के अपने आवास में घरेलू रेंज पर दिन में तीन बार अभ्यास करते हैं। श्योराण ने कहा, ‘उसने अपना अभ्यास जारी रखा है। वह सुबह तीन घंटे, शाम को दो घंटे और फिर रात को दो घंटे अभ्यास करता है। उसके पास किसी अन्य चीज के लिए कोई समय नहीं है।’ (भाषा)