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'वॉकओवर' के सहारे सुशील कुमार बने राष्ट्रीय कुश्ती चैम्यियन

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, शुक्रवार, 17 नवंबर 2017 (21:48 IST)
इंदौर। लगातार ओलंपिक में दो पदक जीतने वाले एकमात्र भारतीय पहलवान सुशील कुमार ने तीन साल के लंबे अंतराल के बाद मैट पर सफल वापसी करते हुए 'अभय प्रशाल' में आयोजित 62वीं राष्ट्रीय सीनियर कुश्ती प्रतियोगिता के 74 किलोग्राम भार वर्ग का स्वर्ण पदक अपने नाम किया। उनके अलावा रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने भी 62 किलोग्राम वर्ग में राष्ट्रीय विजेता बनने का सम्मान पाया।
 
हजारों इंदौरी दर्शकों की मौजूदगी में सुशील और साक्षी दोनों ने अपनी ख्याति के अनुरूप प्रदर्शन करते हुए दिल जीता। यह बात दीगर रही कि फाइनल मुकाबले में उन्हें चैम्पियन बनने का सम्मान 'वॉकओवर' के जरिए मिला। यदि यह मुकाबला होता तो दर्शकों को कुश्ती की रोमांचक दावत देखने को मिलती। फायनल मुकाबला न होने के कारण दर्शकों में मायूसी छा गई।
ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर इतिहास बनाने वाली महिला पहलवान साक्षी मलिक ने अपनी श्रेष्ठता कायम रखते हुए 62 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीत लिया। एशियाई चैंपियनशिप की रजत विजेता साक्षी ने फाइनल में पूजा तोमर को एकतरफा अंदाज में 10-0 से हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। साक्षी ने पहले राउंड में अपनी प्रतिद्वंद्वी को मात्र 39 सेकंड में चित कर दिया था।
 
 
फिल्म 'दंगल फेम' गीता फोगाट ने भी रवीरा को हराकर स्वर्ण पदक जीता। प्रतियोगिता के शुक्रवार को कुश्ती प्रेमियों की निगाहें सिर्फ और सिर्फ सुशील और साक्षी पर लगी हुई थी। बीजिंग ओलंपिक 2008 में कांस्य पदक जीतने वाले और लंदन ओलंपिक 2012 में रजत पदक जीतने वाले सुशील 2014 के ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के बाद पहली बार किसी टूर्नामेंट में उतर रहे थे।
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सुशील के दबदबे का आलम यह रहा कि फाइनल समेत उनके तीन प्रतिद्वंद्वी पहलवानों ने उन्हें वॉकओवर दे दिया। सुशील ने अपने शुरुआती दो मुकाबले जीते तो दर्शकों में रोमांच की लहर दौड़ गई लेकिन अगले तीन मुकाबलों में उन्हें वाकओवर मिल गया। सुशील की कुश्ती देखने के लिए स्टेडियम खचाखच भरा हुआ था और सुशील ने अपने प्रशंसकों को निराश नहीं किया।
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सुबह सुशील कुमार जब मिजोरम के लालमल सावमा से अपना पहला मुकाबला लड़ने के लड़ने के लिए मैट पर आए तो पद्मश्री अभय छजलानी ने दोनों पहलवानों के हाथ मिलवाकर मुकाबले की शुरुआत करवाई। इस मौके पर मध्यप्रदेश टेबल टेनिस संगठन के महासचिव जयेश आचार्य भी मौजूद थे। 
 
सुशील ने अपने पहले दो राउंड के मुकाबले जीतने में ढाई मिनट से भी कम का समय लगाया। उन्होंने पहले राउंड में मिजोरम के लालमल सावमा को 48 सेकंड में ही लगातार 10 अंक बटोरकर धो दिया। उन्होंने दूसरे राउंड में मुकुल मिश्रा को एक मिनट 45 सेकंड में ही चित कर दिया। उन्हें क्वार्टर फाइनल में वाकओवर में मिला और फिर सेमीफाइनल में सचिन दहिया ने भी वाकओवर दे दिया।
 
 
ओलंपिक पदक विजेता पहलवान का फाइनल में अपने छत्रसाल स्टेडियम अखाड़े के साथी पहलवान प्रवीण राणा से मुकाबला था और राणा ने भी सुशील को वाकओवर दे दिया। सुशील ने इस तरह स्वर्ण पदक के साथ मैट पर सफल वापसी कर ली।
 
सुशील ने राष्ट्रीय प्रतियोगिता में उतरने से पहले जॉर्जिया में एक सप्ताह की ट्रेनिंग की थी। यही कारण है कि उनके साथ कोच ब्लादिमीर भी स्टेडियम में मौजूद थे। यही नहीं सुशील को कोचिंग देने वाले अर्जुन अवॉर्डी कृपाशंकर बिश्नोई भी दर्शक दीर्घा में उनका जोश बढ़ाते हुए दिखाई दिए।
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महाबली सतपाल के दामाद सुशील उन्हीं के आदेश पर राष्ट्रीय प्रतियोगिता में उतरे थे। असल में उनका लक्ष्य अगले साल होने वाले राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों के अलावा 2020 का टोक्यो ओलंपिक है। विजेता बनने के बाद सुशील ने कहा कि मैंराष्ट्रीय चैंपियनशिप के जरिये खुद को परखना चाहता था।
 
 
दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता और आमिर खान की फिल्म 'दंगल' से लोकप्रियता पाने वाली गीता फोगाट ने हरियाणा की रवीरा को हराकर स्वर्ण पदक जीता। प्रतियोगिता के पहले दिन विनेश फोगाट और रितू फोगाट ने भी स्वर्ण पदक जीते थे।
 
पंजाब के पहलवानों ने भी हरियाणा के दबदबे को चुनौती देते हुए तीन स्वर्ण पदक जीते। पंजाब के आदित्य कुंडू ने 72 किग्रा, गुरप्रीत ने 77 किग्रा और हरप्रीत सिंह ने 82 किग्रा में स्वर्ण पदक जीते। रेलवे के हरदीप ने 97 किग्रा, सेना के नवीन ने 130 किग्रा और सेना के ही गौरव कुमार ने 63 किग्रा में स्वर्ण पदक हासिल किए।
 
 
ग्रीको रोमन के 55 किग्रा में राजिन्दर ने नवीन को हराया। 60 किग्रा में मनीष ने सेना के ज्ञानेंद्र को, 67 किग्रा में मनीष ने रेलवे के अनिल को और 87 किग्रा में सुनील कुमार ने पंजाब के प्रभपाल को हराया।
 
सेना के गौरव शर्मा ने 63 किग्रा में हिमाचल के विकास को, पजांब के आदित्य ने 72 किग्रा में हरियाणा के कुलदीप मलिक को, पंजाब के गुरप्रीत ने 77 किग्रा में दिल्ली के मंजीत को, पंजाब के हरप्रीत ने 82 किग्रा में रेलवे के अमरनाथ यादव को, रेलवे के हरदीप ने 97 किग्रा में सेना के सुमित को और सेना के नवीन ने 130 किग्रा में पश्चिम बंगाल के सोनू को हराकर स्वर्ण पदक जीते।

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