नई दिल्ली। एशियाई चैंपियनशिप के रजत पदकधारी आशीष कुमार (75 किग्रा) ने शनिवार को अपना पहला अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण जीता और साथ ही भारतीय मुक्केबाजों ने बैंकॉक में थाईलैंड ओपन अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी टूर्नामेंट में आठ पदक अपनी झोली में डाले। भारत ने एक स्वर्ण, चार रजत और तीन कांस्य पदक अपने नाम किए।
भारतीय दल का प्रदर्शन शानदार रहा जिसमें 37 देशों के दुनिया के सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाजों ने शिरकत की। अंतिम दिन जिन भारतीयों ने रजत पदक से संतोष किया, उसमें पूर्व विश्व जूनियर चैंपियन निकहत जरीन (51 किग्रा), एशियाई चैंपियनशिप के रजत पदकधारी दीपक (49 किग्रा), गीबी मुक्केबाजी प्रतियोगिता के रजत पदकधारी मोहम्मद हसमुद्दीन (56 किग्रा) और इंडिया ओपन के रजत पदक विजेता बृजेश यादव (81 किग्रा) शामिल रहे।
आशीष (75 किग्रा) शानदार फार्म में थे, उन्होंने इंडिया ओपन में रजत जीतने के 2 महीने के बाद कोरिया के किम जिनजाए को 5-0 से परास्त कर अपने करियर का बड़ा पदक हासिल किया। स्ट्रांजा कप स्वर्ण पदक विजेता निकहत को एशियाई खेलों की स्वर्ण पदकधारी चांग युआन से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा।
निकहत ने एशियाई चैंपियनशिप और इंडिया ओपन में कांस्य पदक जीता था। 56 किग्रा में मौजूदा इंडिया ओपन चैंपियन थाईलैंड की चाटचाई देचा बुतदी ने फार्म जारी रखते हुए हसमुद्दीन को 5-0 से शिकस्त दी जबकि उज्बेकिस्तान के मिर्जाखमेदोव नोदिरजोन ने दीपक को 49 किग्रा में परास्त किया। 81 किग्रा में बृजेश यादव ने अपना सर्वश्रेष्ठ करने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें थाईलैंड के अनावत थोंगक्रातोक से 1-4 से हार का मुंह देखना पड़ा।
इससे पहले स्ट्रांजा कप की रजत पदकधारी मंजू रानी (48 किग्रा) थाईलैंड की पूर्व विश्व चैंपियनशिप कांस्य पदकधारी चुटामाट रकसत की चुनौती नहीं पार सकीं जिससे उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। आशीष (69 किग्रा) और भाग्यवती काचरी (75 किग्रा) ने भारत को कांस्य पदक दिलाए।