नई दिल्ली:दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय टेबल टेनिस महासंघ (टीटीएफआई) की कार्यकारी समिति को छह महीने के लिए निलंबित कर दिया है। अब हफ्ते भर में एक प्रशासक की नियुक्ति की जाएगी।
उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को स्टार भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा द्वारा दायर याचिका पर फैसला सुनाते हुए यह आदेश दिया। मनिका ने 25वीं एशियाई टेबल टेनिस टीम चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए न चुने जाने के बाद अदालत का रुख किया था, जबकि वह हाल ही में ताजा महिला एकल
आईटीटीएफ विश्व रैंकिंग में छह स्थान की छलांग लगाते हुए करियर के सर्वश्रेष्ठ 50वें स्थान पर पहुंच गईं थीं। मिश्रित युगल रैंकिंग में भी मनिका जी सत्यं के साथ 11वें स्थान पर पहुंची हैं। वहीं उन्हें महिला युगल रैंकिंग में भी चार पायदान का फायदा हुआ है और वह जोड़ीदार अर्चना कामथ के साथ छठे स्थान पर पहुंच गईं हैं।
कोर्ट ने मनिका द्वारा दायर अन्य मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कहा कि कोर्ट ने यह भी पाया है कि राष्ट्रीय टेबल टेनिस कोच सौम्यदीप रॉय मार्च में ओलंपिक क्वालीफायर के दौरान मैच फिक्सिंग में शामिल थे। उल्लेखनीय है कि मनिका बत्रा ने पिछले साल सितंबर में रॉय पर उन्हें मैच हारने के लिए कहने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था, ताकि उनकी छात्रा सुतीर्था मुखर्जी ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई कर सके।
दुनिया की 56वें नंबर की टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका ने यह कहते हुए कि अगर कोई उन्हें मैच फिक्सिंग में शामिल होने के लिए कहने वाला उनके पास बैठा हो ताे वह अपने मैच पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाएंगी। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में रॉय से प्रशिक्षण लेने से भी इनकार कर दिया था। ऐसे में मनिका के कोच सन्मय परांजपे को टोक्यो में प्रशिक्षण सत्र में प्रवेश दिया गया था, लेकिन उनके पास खेल के मैदान में प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी और उनके एक्सेस कार्ड को अपग्रेड करने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया था।
इसके बाद मनिका ने टीटीएफआई के कारण बताओ नोटिस में इस बात से इनकार किया था कि उन्होंने टोक्यो ओलंपिक खेलों की एकल स्पर्धा में रॉय की मदद लेने से इनकार करके खेल को बदनाम किया था।
(वार्ता)