टोक्यो ओलंपिक में भारतीय एथलीट्स का 128 खिलाड़ियों का सबसे बड़ा दल गया। भारत अपनी सर्वश्रेष्ठ पदक तालिका पा कर टोक्यो से लौटा लेकिन शुरुआत में यह पाना नामुमकिन सा लक्ष्य लग रहा था। पहले हफ्ते में सिर्फ भारोत्तोलक मीराबाई चानू ही मेडल ला पायी।
इसके बाद भारत को लगभग एक हफ्ते का इंतजार करना पड़ा। भारत 7 नहीं 10 मेडल जीत सकता था अगर कुछ खिलाड़ियों का ध्यान नखरे दिखाने से ज्यादा उनके खेल पर होता।
1) मनिका बत्रा- मनिका बत्रा टेबल टेनिस के एकल प्रतियोगिता में तीसरे दौर तक गई। मनिका के पास विश्व में 16वें नंबर की पोलकानोवा के नियंत्रित और दमदार खेल का कोई जवाब नहीं था। उन्होंने 0-4 (8-11, 2-11, 5-11, 7-11) से यह मैच गंवाया।
वहीं मिश्रित युगल में वह अपने साथी शरत कमल के साथ पहले ही दौर में हार गई।भारतीय जोड़ी को तीसरी वरीयता प्राप्त चीनी ताइपै के लिन युन जू और चेंग आई चिंग ने 11-8, 11-6, 11-5, 11-4 से हराया। पहले दो गेम में 5-1 और 5-3 से बढ़त बनाने के बाद भारतीय जोड़ी लय कायम नहीं रख सकी।
कुछ महीने पहले मनिका और जी साथियान ने सोनीपत में राष्ट्रीय शिविर से जुड़ने से मना कर दिया था। अपने साथी कमल के साथ मनिका को अभ्यास करने में कोई दिलचस्पी नहीं थी। बमुश्किल वह कमल के साथ अभ्यास करने को राजी हुई। उनका यह फैसला मिश्रित युगल के मैच पर दिखा, दोनों ही खिलाड़ी जल्द तालमेल खो बैठे।
यही नहीं टोक्यो ओलंपिक के दौरान राष्ट्रीय कोच सौम्यदीप रॉय से मदद लेने के मनिका बत्रा के इनकार को भारतीय टेबल टेनिस महासंघ ने अनुशासनहीनता करार देते हुए कहा कि अगस्त के महीने कार्यकारी बोर्ड की बैठक के दौरान उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। संभवत मनिका बत्रा को टेबल टेनिस फेडरेशन कारण बताओ नोटिस भेजेगा जिसका जवाब उन्हें 10 दिनों के अंदर देना होगा।
2) मनु भाकर - पदक की एक सबसे बड़ी दावेदार को उनके आसपास चल रही परिस्थिती ने मेडल से दूर रखा। टोक्यो ओलंपिक के बाद उन्होंने यह तक कहा कि जसपाल राणा से जुड़ना एक गलती थी।
जसपाल राणा और उनके बीच की दरार सबको पता है लेकिन कहते हैं ताली एक हाथ से नहीं बजती। वहीं अगर यह मान लिया जाए कि इस विवाद में उनकी कोई भी गलती नहीं है तो भी 10 मीटर एयर रायफल में उन्होंने पिस्टल ना बदले की जिद्द की और यह जिद्द उन पर और निशानेबाजी दल पर भारी रहा।
दरअसल मैच के दौरान मनु भाकर की पिस्टल का कॉकिंग लीवर टूट गया था।इस मैच में उन्होंने दूसरी पिस्टल का उपयोग करने से बेहतर उसी पिस्टल को ठीक करना बेहतर समझा। लेकिन इस निर्णय का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा।
3) विनेश फोगाट- विनेश फोगाट के लिए तो कहा जा रहा था कि उनका मेडल लाना लगभग निश्चित है। लेकिन फोगाट जो सबसे आखिर में टोक्यो ओलंपिक पहुंची अपने नखरे दिखाने में व्यस्त थी।
टोक्यो ओलंपिक के महिला फ्रीस्टाइल 53 किग्रा कुश्ती के क्वार्टर फाइनल में बुल्गारिया की वेनेसा कलाडजिंस्काया से हार गईं थी वह कहीं से भी इस मुकाबले में विश्व नंबर एक भारतीय पहलवान विनेश फोगाट नहीं लग रही थी।
विनेश फोगाट ने न भारतीय दल के प्रायोजकों शिव नरेश की जर्सी पहना ना ही भारतीय दल के साथ अभ्यास किया। यही नहीं उन्होंने नाइक की जर्सी पहनी जिसे रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के एक सूत्र ने घोर अनुशासनहीनता करार दिया।
उन्हें इस कारण निलंबित करने के बाद सभी कुश्ती स्पर्धाओं से भी निलंबित कर दिया गया। वह तब तक किसी भी राष्ट्रीय या प्रादेशिक कुश्ती स्पर्धा में भाग नहीं ले सकती जब तक वह अपना जवाब नहीं दाखिल कर देती। उन्हें 16 अगस्त तक कारण बताओं नोटिस का जवाब देना है।
ऐसा लग ही नहीं रहा था कि वह भारतीय दल से ऐसा लग रहा था कि वह हंगरी की टीम का प्रतिनिधित्व कर रही है क्योंकि ज्यादातर समय उन्होंने इस देश के पहलवानों के साथ गुजारा। यही नहीं उन्होंने किसी भारतीय पहलवान के साथ अभ्यास भी नहीं किया।
4) सोनम मलिक
सोनम मलिक को भी दुर्व्यवहार के लिए नोटिस थमाया गया है। सोनम मलिक को रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के दफ्तर से अपना पासपोर्ट उठाना था लेकिन उन्होंने साई (स्पोिर्टस अथोरिटी ऑफ इंडिया) के अधिकारियों को यह करने का आदेश दे दिया। इस वाक्ये को भी रेसलिंग फेडरेशन ने अनुशासनहीनता के दायरे में रखा है।