- सीमान्त सुवीर
इंदौर। रियो ओलंपिक खेलों में दुर्भाग्य से चोटिल होकर पदक से वंचित रहने वाली देश की मशहूर पहलवान विनेश फोगाट इन दिनों राष्ट्रीय सीनियर कुश्ती के सिलसिले में इंदौर में हैं। इस मौके पर उन्होंने देश की बहनों के नाम एक संदेश भी दिया।
विनेश ने कहा, मैं देश की बहनों को यही संदेश देना चाहती हूं कि चाहे लड़का हो या लड़की, उन्हें खुद पर विश्वास होना चाहिए। इसी विश्वास के सहारे हम अपने आसपास के वातावरण को सकारात्मक बना सकते हैं।
उन्होंने कहा कि मैं जब स्कूल में थी तो सभी खेलों में हिस्सा लेती थी और मन में यही जिद होती थी कि मुझे जीतना है। जब कभी हार जाती तो खुद पर गुस्सा आता था कि मैं हारने के लिए नहीं बनी हूं। मुझे तो जीतना है। जहां तक कुश्ती का सवाल है तो 'लक' मुझे इस खेल में खींच लाया।
विनेश के अनुसार, मुझे बचपन में टेनिस से काफी लगाव था और मैं अखबारों के जरिए पढ़ती थी कि इस खेल को कैसे खेला जाता है। मैं स्टार खिलाड़ी सानिया मिर्जा की बहुत बड़ी प्रशंसक हूं। मुझे सानिया से इस कदर लगाव है कि मैं उनके मैच देखती और जब उनकी तस्वीर छपती तो उसे काटकर घर में लगाती।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि मैं टेनिस खेलती तो कह नहीं सकती कि इस स्तर तक पहुंच पाती लेकिन नसीब में कुश्ती का खेल ही लिखा था। मेरे पिता के बड़े भाई महावीर सिंह जी खुद पहलवान रहे हैं और उन्होंने अपनी चारों बेटियों गीता, बबीता, संगीता और ऋतु को पहलवानी के गुर सिखाए। परिवार में कुश्ती का वातावरण रहा और टेनिस का शौक पीछे छूट गया।
विनेश ने कहा कि आजकल सोशल मीडिया का जमाना है। मैं भी इससे अछूती नहीं हूं। जब भी वक्त मिलता है तो सोशल मीडिया के जरिए मैं अपने प्रशंसकों को उनकी शुभकामनाओं का जवाब भी देती हूं।