बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्स वूमेन ऑफ द ईयर के तीसरे संस्करण का इंतजार खत्म हुआ। इस साल खिताब के दावेदारों की घोषणा के साथ ही ऑनलाइन वोटिंग की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्स वूमेन ऑफ द ईयर के लिए पांच नॉमिनी का चयन खेल पत्रकारों ,विशेषज्ञों और खेल लेखकों की हमारी खास ज्यूरी ने किया है। ये नॉमिनी है
• अदिति अशोक, गोल्फर
• अवनी लखेरा, पैराशूटर
• लवलीना बोरगोहाई, मुक्केबाज
• पीवी सिंधु, बैडमिंटन
• साइखोम मीराबाई चानू, वेटलिफ्टर
ऑनलाइन वोटिंग 28 फरवरी को भारतीय समय अनुसार रात के 11:30 बजे तक खुली रहेगी और विजेता का ऐलान दिल्ली में 28 मार्च 2022 को एक समारोह में होगा।
बीबीसी न्यूज़ इंटरनेशनल सर्विस की सीनियर कंट्रोलर बीबीसी वर्ल्ड सर्विस के निदेशक लिलिएन लैंडोर ने कहा, "हमें गर्व है कि बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्स वूमेन ऑफ द ईयर अवार्ड भारत की महिला खिलाड़ियों की असाधारण उपलब्धियों को रेखांकित कर रहा है। इस साल इस सम्मान के दावेदार अपने-अपने खेलों में चैंपियन हैं है ही साथ में दूसरों को प्रेरित करने वाली खिलाड़ी हैं। सभी सम्मान के हकदार हैं लेकिन विनर का फैसला हमारे ऑडियंस विभिन्न प्लेटफार्मों पर अपने वोट के जरिए करेंगे।"
बीबीसी न्यूज़ की भारत प्रमुख रूपा झा ने कहा, "इस साल के नॉमिनी के नामों की घोषणा करते हुए मुझे काफ़ी प्रसन्नता हो रही है। बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमन ऑफ़ द ईयर के हर संस्करण में कुछ नए दावेदार शामिल होते हैं। इस साल के नॉमिनी में गोल्फ़र से लेकर पैरालंपियन तक शामिल हैं, ये सब भारतीय खेल जगत के चमकते हुए सितारे हैं जिनको हमलोग सेलिब्रेट कर रहे हैं।"
इस सम्मान समारोह में बीबीसी भारत की एक नामचीन महिला खिलाड़ी को उनकी उपलब्धियों के लिए बीबीसी लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड और एक उभरती प्रतिभा को बीबीसी इमर्जिंग प्लेयर ऑफ द ईयर के अवार्ड से सम्मानित करती है।
इस संस्करण के दावेदारों के नामों की घोषणा के वक्त पिछले संस्करण की बीबीसी लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित अंजू बॉबी जॉर्ज ने भारतीय खेल जगत के लिए उम्मीद जाहिर करते हुए कहा, "प्रतिभाशाली महिला खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए भारत काफी कुछ कर रहा है। चीजों में बदलाव हो रहा है स्टेडियम और दूसरी खेल सुविधाओं का निर्माण हो रहा है। हालांकि अभी भी हमें क्वालिफाइड कोच चाहिए। माता-पिता भी अपने बच्चों को खेलने के लिए भेजना चाहते हैं। लेकिन सुरक्षा को लेकर थोड़ी चिंता होती है।"
बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्स वूमेन ऑफ द ईयर के दावेदारों ने शॉर्टलिस्ट होने के बाद अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं।
2020 के टोक्यो समर ओलंपिक में चौथे स्थान पर रही गोल्फर अदिति अशोक ने कहा, "बीते साल मेरे लिए बहुत अच्छा रहा मैंने कुछ शानदार प्रदर्शन किया।इसके लिए आप सब की आभारी हूं। मुझे इस बात की भी खुशी है कि गोल्फ धीरे धीरे भारत में लोकप्रिय हो रहा है।"
पैरा ओलंपिक खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाली भारतीय महिला अवनी लखेरा ने कहा, "बीते 6 साल से मैं जो कठिन परीक्षण कर रही हूं, उसको स्वीकृति मिल रही है, यह देखकर मैं काफी खुश हूं। मेरी दीर्घकालीन योजना 2024 के पैरालंपिक खेलों में गोल्ड मेडल जीतने की है।"
टोक्यो 2020 ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली लवलीना बोरगोहाई ने कहा ,"महिला या लड़की होने के चलते हम कुछ नहीं कर सकते हैं, ऐसा नहीं सोचा जाना चाहिए। हम महिलाएं सभी कुछ कर सकते हैं हम सब एक समान है।"
लगातार दो ओलंपिक खेलों में 2 पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पीवी सिंधु ने कहा, "सफलता आसानी से नहीं मिलती है, यह कुछ ही महीनों की कठिन मेहनत से हासिल नहीं होती है, यह कई सालों की मेहनत के बाद मिलती है। हर दिन एक प्रक्रिया से गुजरने के बाद हम एक स्तर तक पहुंच पाते हैं।"
टोक्यो 2020 ओलिंपिक में सिल्वर मेडल और 2017 के वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाली मीराबाई चानू ने कहा, "मैंने लोगों को कहते सुना था कि लड़कियां भारोत्तोलन नहीं कर सकती और ऐसा करने से महिलाओं के शरीर को नुकसान पहुंचता है। लेकिन यह सच नहीं है, मुझे कुछ नहीं हुआ है।"
इस साल के दावेदारों के प्रेरक सफर पर विशेष सामग्री की सीरीज आपको बीबीसी की भारतीय भाषाओं की वेबसाइट पर दिखेगी। बीबीसी वर्ल्ड न्यूज़ इन दावेदारों पर शनिवार यानी 19 फरवरी को भारतीय समयानुसार रात 11:00 बजे, रविवार यानी 20 फरवरी को भारतीय समय अनुसार 10:00 बजे दिन और 4:00 बजे शाम में डॉक्यूमेंट्री प्रसारित कर रही है। महिला पैरा एथलीटों के उभार पर एक विशेष स्टोरी आप बीबीसी स्पोर्ट्स में भी पढ़ पाएंगे।
इंडियन स्पोर्ट्स वुमन ऑफ द इयर, 2022 के दावेदारों के बारे में:-
अदिति अशोक
उम्र: 23,गोल्फर
अदिति अशोक की कामयाबी ने भारत में महिला गोल्फ के प्रति दिलचस्पी पैदा कर दी है। 18 साल की उम्र में वह रियो 2016 ओलंपिक में शिरकत करने वाली भारत की सबसे युवा खिलाड़ियों में थी। उसी साल लेडीस यूरोपियन टुअर इवेंट का खिताब जीतने वाली अदिति पहली भारतीय खिलाड़ी बनी थी। 23 साल की अदिति टोक्यो 2020 ओलंपिक में चौथे स्थान पर आई थी।
अवनी लखेरा,
उम्र: 20 पैराशूटर
20 साल की अवनि लेखरा पैरालंपिक खेलों में गोल्ड जीतने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी है। लखेरा ने टोक्यो 2020, पैरा ओलंपिक खेलों में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1 कैटेगरी में नया पैरालंपिक रिकॉर्ड बनाया था।इसके अलावा उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक में महिलाओं की 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन SH1 कैटेगरी में कांस्य पदक हासिल किया। बचपन में एक गंभीर कार दुर्घटना में घायल होने के चलते अवनी के कमर के नीचे का हिस्सा लकवा ग्रस्त हो गया था।इस हादसे के बाद पिता ने अवनी का परिचय निशानेबाजी से कराया और फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। खेल के अलावा अवनी कानून की पढ़ाई भी कर रही हैं।
लवलीना बोरगोहाई
उम्र: 20 मुक्केबाज
टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीत कर लवलीना बोरगोहाईं ओलंपिक में मेडल हासिल करने वाली तीसरी भारतीय मुक्केबाज़ बनीं।इससे पहले वो कई चैम्पियनशिप में पदक जीत चुकी थीं. 2018 के शुरुआत में इंडिया ओपन में गोल्ड मेडल जीत कर वह सुर्ख़ियों में आई थीं।इसके बाद उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में खेले गए कॉमनवेल्थ खेलों में हिस्सा लिया।असम में जन्मीं 24 साल की लवलीना ने दो बड़ी बहनों से प्रेरणा लेते हुए किकबॉक्सिंग में शुरुआत की थी, लेकिन जल्दी ही बॉक्सिंग को अपना लिया।
पीवी सिंधु, बैडमिंटन
उम्र: 26 बैडमिंटन खिलाड़ी
बैडमिंटन खिलाड़ी पुसरला वेंकट (पीवी) सिंधु लगातार दो ओलंपिक खेलों में मेडल हासिल करने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी हैं।टोक्यो, 2020 ओलंपिक का ब्रॉन्ज़ मेडल उनका दूसरा ओलंपिक मेडल था, इससे पहले उन्होंने रियो 2016, ओलंपिक में सिल्वर मेडल हासिल किया था।
2021 के बैंडमिंटन वर्ल्ड फ़ेडरेशन के ख़िताबी मुक़ाबले में सिंधु ने सिल्वर मेडल जीता है. इसके अलावा जनवरी, 2022 में उन्होंने सैय्यद मोदी इंटरनेशनल बैडमिंटन टूर्नामेंट का ख़िताब जीता है।बैडमिंटन वर्ल्ड चैम्पियनशिप, 2019 में गोल्ड मेडल जीतकर सिंधु ने इतिहास रचा था, यह ख़िताब हासिल करने वाली वह पहली भारतीय खिलाड़ी बनी थीं।
बैडमिंटन की वर्ल्ड रैंकिंग की शीर्ष 20 खिलाड़ियों में महज़ 17 साल की उम्र में सिंधु ने जगह बना ली थी।बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्स वुमन ऑफ़ द ईयर के शुरुआती संस्करण, 2019 का ख़िताब भी आम लोगों के वोटों के ज़रिए वह जीत चुकी हैं।
साइखोम मीराबाई चानू
उम्र: 27 वेटलिफ्टिंग
वेटलिफ़्टिंग चैम्पियन चानू ने 2021 में तब इतिहास रचा जब टोक्यो ओलंपिक में वह सिल्वर मेडल हासिल करने वाली पहली भारतीय वेटलिफ़्टर बनीं।2016 के रियो ओलंपिक में वह भार उठाने में कामयाब नहीं हुई थीं। उस निराशा के बाद उन्होंने लगभग खेल को छोड़ दिया था, लेकिन वहां से उन्होंने शानदार वापसी की।2017 के वर्ल्ड वेटलिफ़्टिंग चैम्पियनशिप में उन्होंने गोल्ड मेडल जीता था।
मणिपुर में एक चाय बेचकर जीविका चलाने वाले मां-बाप के घर जन्मी चानू को खेल के शुरुआती दिनों में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा था।लेकिन सभी चुनौतियों से पार पाते हुए वह ओलंपिक चैम्पियन बनीं।
बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्स वूमेन ऑफ द ईयर जूरी पैनल
इनके अलावा यूनिवार्ता के वरिष्ठ पत्रकार राजेश राय भी ज्यूरी में शामिल हैं।