नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती महासंघ ने कहा कि पाकिस्तानी दल को वीजा नहीं दिए जाने की दशा में उसे आगामी एशियाई जूनियर चैंपियनशिप की मेजबानी से वंचित होना पड़ सकता है।
डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने बताया कि अभी उन्हें टूर्नामेंट के आयोजन के लिए गृह मंत्रालय से मंजूरी नहीं मिली है चूंकि पाकिस्तानी पहलवानों की भागीदारी को लेकर तस्वीर स्पष्ट नहीं है। उन्होंने कहा, ‘हमें मंजूरी नहीं मिली है। मैने गृहमंत्री से मुलाकात का समय मांगा है। पाकिस्तानी दल को वीजा नहीं मिलता है तो यूडब्ल्यूडब्लयू हम पर प्रतिबंध लगा सकता है और हमसे मेजबानी छिन सकती है। पाकिस्तान को इस टूर्नामेंट में भाग लेने का हक है।’
बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि उन्होंने चार महीने पहले मंजूरी लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी लेकिन कुछ अधिकारी मामले की गंभीरता को समझ नहीं रहे हैं। उन्होंने कहा कि आम तौर पर यह प्रक्रिया टूर्नामेंट से दो महीने पहले शुरू होती है लेकिन हमने चार महीने पहले शुरू की। कुछ अधिकारी हालांकि समझ नहीं रहे हैं कि मामला कितना गंभीर है। युनाइटेड विश्व कुश्ती हमारे खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। हम पर प्रतिबंध लग सकता है जिससे हम ओलंपिक नहीं खेल सकेंगे।
सिंह ने कहा, ‘यह द्विपक्षीय स्पर्धा नहीं, एशियाई चैम्पियनशिप है। पाकिस्तान को भाग लेने का मौका मिलना चाहिए। पाकिस्तान इसमें भागीदारी के लिए भारत की दया का मोहताज नहीं है। गारंटी मिलने पर ही हमें टूर्नामेंट की मेजबानी मिली थी।’ उन्होंने कहा कि 17 जुलाई से शुरू हो रहे टूर्नामेंट के लिए पाकिस्तान की सिर्फ लड़कों की टीम आएगी।
भारत और पाकिस्तान ने 2007 से द्विपक्षीय पूर्ण क्रिकेट श्रृंखला नहीं खेली है। भारत सरकार ने दोनों देशों के तनावपूर्ण संबंधों के चलते बीसीसीआई को मंजूरी नहीं दी। हाल ही में जूनियर स्क्वाश चैम्पियनशिप के लिए भी पाकिस्तानी खिलाड़ियों को वीजा लेने में दिक्कत आई थी। (भाषा)