क्रेमलिन। सरकार प्रायोजित डोपिंग आरोपों का सामना कर रहे रूस को रियो ओलंपिक के बाद 2018 प्योंगयोंग शीतकालीन ओलंपिक खेलों से भी निलंबन की शर्मिंदगी झेलनी पड़ी है। हालांकि रूसी सरकार ने इन आरोपों के खिलाफ अपील करने और अपने एथलीटों के अधिकारों के लिए लड़ने की बात कही है।
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने रूस पर पहली बार इस तरह के संपूर्ण निलंबन का फैसला किया है। इससे पहले आईओसी ने रूस के सोच्चि में वर्ष 2014 में हुए शीतकालीन ओलंपिक खेलों में उसके एथलीटों पर डोपिंग में शामिल होने और सरकार के डोपिंग में शामिल होने का आरोप लगाया था।
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्रि पेस्कोव ने कहा कि रूस अपने एथलीटों के खिलाफ लगाए गए आरोपों के खिलाफ अपील करेगा और आईओसी के साथ भी अपने संबंधों को बनाए रखने के लिए प्रयास करेगा।
आईओसी ने मंगलवार को 2018 प्योंगयोंग विंटर ओलंपिक से रूस पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। वैश्विक संस्था ने आरोप लगाया था कि रूस ने डाेपिंग को रोकने के लिए उचित कदम नहीं उठाए हैं। (वार्ता)