Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

सेंसेक्स ने लगाया 1375 अंक का गोता, बैंक, वित्तीय कंपनियों के शेयरों में गिरावट

हमें फॉलो करें सेंसेक्स ने लगाया 1375 अंक का गोता, बैंक, वित्तीय कंपनियों के शेयरों में गिरावट
, सोमवार, 30 मार्च 2020 (18:58 IST)
मुंबई। बंबई शेयर बयाज का सेंसेक्स सोमवार को 1,375 अंक का गोता लगा गया। कोरोना वायरस (Corona virus) संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच बैंक, वित्त और वाहन कंपनियों के शेयरों में भारी बिकवाली के साथ यह गिरावट आई।

इस बीच, स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में कोरोना वायरस संक्रमित मामलों की संख्या बढ़कर 1,000 को पार कर गई है, जबकि 29 लोगों की मौत हुई है। विभिन्न रेटिंग एजेंसियों के देश की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को कम किए जाने से निवेशक जोखिमपूर्ण संपत्ति से बाहर निकल रहे हैं।

तीस शेयरों वाला सेंसेक्स कारोबार के दौरान 1,500 अंक से अधिक नीचे आ गया था। लेकिन अंत में यह 1,375.27 अंक यानी 4.61 प्रतिशत लुढ़क कर 28,440.32 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 379.15 अंक यानी 4.38 प्रतिशत का गोता लगाकर 8,281.10 अंक पर बंद हुआ।

सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक नुकसान में बजाज फाइनेंस रही। इसमें करीब 12 प्रतिशत की गिरावट आई। उसके बाद क्रमश: दोनों एचडीएफसी (एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक), टाटा स्टील, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक बैंक तथा मारुति का स्थान रहा। इनमें 10.92 प्रतिशत तक की गिरावट आई।

सेंसेक्स में शामिल शेयरों में से केवल छह लाभ में रहे जिनमें टेक महिंद्रा (4.94 प्रतिशत), नेस्ले इंडिया (4.49 प्रतिशत), एक्सिस बैंक (2.50 प्रतिशत) तथा एचयूएल (2.19 प्रतिशत) प्रमुख हैं।

आनंद राठी के इक्विटी रिसर्च के प्रमुख नरेंद्र सोलंकी ने कहा, एशिया के अन्य बाजारों में गिरावट का असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा और सप्ताह की शुरूआत गिरावट के साथ हुई। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण तेल के दाम में नरमी के साथ वैश्विक इक्विटी बाजारों और अन्य वित्तीय बाजारों में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है।

विभिन्न रेटिंग एजेंसियों के देश की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान कम किए जाने से दोपहर के कारोबार में तेज बिकवाली देखी गई। यह स्थिति तब है जब आरबीआई ने अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए पिछले सप्ताह शुक्रवार को नीतिगत दर में बड़ी कटौती समेत अन्य कदम उठाए।

फिच सोल्यूशंस ने कोरोना वायरस संक्रमण के बढते मामलों के बीच निजी खपत में कमी और निवेश में गिरावट को देखते हुए अगले वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भारत का जीडीपी वृद्धि दर अनुमान कम कर 4.6 प्रतिशत कर दिया है।

इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने भी वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 5.5 प्रतिशत से कम कर 3.6 प्रतिशत कर दिया है। वैश्विक मोर्चे पर अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने शुक्रवार को कहा कि दुनिया मंदी में प्रवेश कर रही है। स्थिति 2009 के मुकाबले ज्यादा खराब है।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, आईएमएफ पहले ही वैश्विक मंदी की घोषणा कर चुका है, इसके साथ मौजूदा अनिश्चितताओं के कारण निवेशक खासकर एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) अपना निवेश निकाल रहे हैं। औद्योगिक कर्मचारियों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगार्ह दर के आंकड़े मंगलवार को घोषित किए जाएंगे। हालांकि मौजूदा बाजार परिदृश्य में शायद ही इसका कोई असर पड़े।

बीएसई रीयल्टी, वित्त, बैंक, वाहन और दूरसंचार सूचकों में 7.01 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि स्वास्थ्य और दैनिक उपयोग की वस्तुएं बनाने वाली कंपनियों के शेयर चमक में रहे। एशिया के अन्य बाजारों में चीन का शंघाई, हांगकांग, जापान का तोक्या और सोल नुकसान में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में भी शुरूआती कारोबार में गिरावट का रुख रहा।

इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड का भाव 4.47 प्रतिशत गिरकर 26.70 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। इस बीच कोरोना वायरस बीमारी से सप्ताहांत दुनियाभर में मरने वालों की संख्या बढ़कर 30,000 को पार कर गई है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

मोदी की सामाजिक कार्यकर्ताओं से अपील...Corona पर गलत सूचना, अंधविश्वास को दूर करें