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क्या ZEE Sony डील टूटने के पीछ थीं सेबी प्रमुख, सुभाष चंद्रा ने क्यों लगाए गंभीर आरोप?

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, मंगलवार, 3 सितम्बर 2024 (12:05 IST)
sebi head Madhvi puri buch : हिंडनबर्ग और कांग्रेस के बाद जी समूह के संस्थापक डॉक्टर सुभाष चंद्रा ने भी सेबी प्रमुख माधवी पुरी बुच पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि जी एंटरटेनमेंट और सोनी डील पर डॉक्टर सुभाष चंद्रा ने कहा कि डील टूटने के पीछे माधबी पुरी बुच जिम्मेदार हैं।
 
चंद्रा ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि सेबी चेयरपर्सन के साथ उनके मामले ने जी एंटरटेनमेंट और सोनी पिक्चर्स के प्रस्तावित विलय सौदे को भी प्रभावित किया।
 
उन्होंने कहा कि यह विलय सौदे को अलग करने का मुख्य कारण था। मैं इसीलिए आज सवाल कर रहा हूं कि सेबी से अल्पांश शेयरधारकों के हितों की रक्षा करने की उम्मीद की जाती है और वह सोनी को जी के साथ विलय से रोकने में सफल रही। उन्होंने इस मामले के बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखा था, लेकिन उन्हें उसका कोई जवाब नहीं मिला। ALSO READ: मोदी सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगी, सेबी अध्यक्ष तुरंत इस्तीफा दें, इंदौर में बोले पवन खेड़ा
 
नहीं करेंगे सेबी का सहयोग : सुभाष चंद्रा ने अपनी कंपनी जी एंटरटेनमेंट से आगे सेबी के साथ सहयोग न करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि कंपनी के खिलाफ पक्षपातपूर्ण जांच की जा रही है और सेबी प्रमुख अपनी पूर्व-निर्धारित मानसिकता के साथ काम कर रही हैं।
 
चंदा कोचर दे रही थी करोड़ों रुपए : उन्होंने कहा कि आईसीआईसीआई बैंक और अपनी पड़ताल से मुझे पता चला है कि उस समय माधवी पुरी बुच और चंदा कोचर लगातार फोन पर बात कर रही थीं। उन्होंने कहा कि वह बहुत करीबी शख्स थीं और चंदा कोचर ही उन्हें करोड़ों रुपये दे रही थीं, जिसका आज सुबह खुलासा हुआ है। वह आईसीआईसीआई बैंक से अवैध रूप से पैसे ले रही थीं।
 
क्या दुर्भावनापूर्ण हैं आरोप : भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने चंद्रा के इन आरोपों पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की। हालांकि, मीडिया खबरों में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि ये आरोप दुर्भावनापूर्ण हैं। तथ्य कुछ और ही बयां करते हैं।
 
सेबी ने कसा था सुभाष चंद्रा पर शिकंजा : बाजार नियामक सेबी ने पिछले साल आरोप लगाया था कि चंद्रा और उनके बेटे पुनीत गोयनका ने कुछ संस्थाओं के ऋण चुकाने के लिए ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड की 200 करोड़ रुपए की एफडी का इस्तेमाल किया था। चंद्रा और गोयनका दोनों को ही सेबी के अगले आदेश तक किसी भी सूचीबद्ध फर्म में निदेशक या प्रमुख प्रबंधन कर्मी का पद संभालने से रोक दिया गया था।
 
हालांकि, इस आदेश के खिलाफ प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) के समक्ष की गई अपील पर चंद्रा और उनके बेटे को राहत मिल गई।
Edited by : Nrapendra Gupta 

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