युद्धकाल में क्या है भारतीय शेयर बाजारों में तूफानी तेजी का राज? कैसा रहेगा जून का आखिरी हफ्ता?
सतर्क निवेशकों को जैसे ही निवेश का मौका मिला उन्होंने इसे भुनाने में देर नहीं की।
Share market review: इजराइल ईरान के बीच तेज होते युद्ध के बाद भी निवेशकों ने इस हफ्ते भारतीय शेयर बाजार पर भरोसा जताया। सतर्क निवेशकों को जैसे ही निवेश का मौका मिला उन्होंने इसे भुनाने में देर नहीं की। एफआईआई और डीआईआई दोनों ने ही इस हफ्ते जमकर लिवाली की। 5 में 2 दिन बाजार में बड़ी तेजी दिखाई दी। इसने 3 दिन की छोटी छोटी गिरावट को कवर किया और निवेशकों की धारणा को मजबूत किया। जानिए आने वाले हफ्ते में कैसा रहेगा मार्केट ट्रैंड और क्या करें निवेशक?
कैसी रही सेंसेक्स और निफ्टी की चाल : भारतीय शेयर बाजार के लिए हफ्ते की शुरुआत जबरदस्त रही। पहले ही दिन 16 जून को सेंसेक्स में करीब 678 अंक बढ़ गया। निफ्टी में भी 228 अंकों की बढ़त रही। इसके बाद लगातार 3 दिन शेयर बाजार में गिरावट रही। 17 जून को सेंसेक्स 212.85 अंक टूटकर 81,583.30 और एनएसई निफ्टी 93.10 अंक की गिरावट के साथ 24,853.40 अंक पर बंद हुआ। 18 जून को सेंसेक्स 212.85 अंक टूटकर 81,583.30 पर पहुंच गया। एनएसई निफ्टी भी 93.10 अंक की गिरावट के साथ 24,853.40 अंक पर बंद हुआ।
19 जून को भी सेंसेक्स 82.79 अंक टूटकर 81,361.87 अंक पर जा पहुंचा वहीं निफ्टी 18.80 अंक के नुकसान से 24,793.25 अंक पर पहुंचा। 20 जून को हफ्ते के आखिरी दिन गिरावट पर विराम लगा और बीएसई सेंसेक्स में 1,046 अंकों का उछाल आया। वहीं एनएसई निफ्टी 319.15 अंक उछलकर फिर से 25,000 के पार पहुंच गया। इस सप्ताह सेंसेक्स में 1,289.57 अंक यानी 1.58 प्रतिशत की तेजी आई और निफ्टी 393.8 अंक यानी 0.59 प्रतिशत चढ़ा।
इन फैक्टर्स ने बाजार पर डाला असर : इजराइल ईरान युद्ध, कच्चे तेल के दाम, निवेशकों की चौतरफा लिवाली के चलते भारतीय शेयर बाजार में इस हफ्ते तेजी दिखाई दी। हफ्ते के आखिरी दिन पश्चिम एशिया में तनाव कम होने के बीच विदेश से बड़े पैमाने पर सकारात्मक रुझान और विदेशी पूंजी की लिवाली से घरेलू शेयर बाजारों को समर्थन मिला। विदेशी निवेशकों ने इस हफ्ते 8709.600 करोड़ के शेयर खरीदे तो घरेलू संस्थागत निवेशकों ने भी 12635.58 करोड़ के शेयर खरीदे।
AI, ML पर सेबी का परामर्श : बाजार नियामक सेबी ने निवेशकों एवं बाजार की मजबूती बनाए रखने के लिए शुक्रवार को प्रतिभूति बाजारों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एवं मशीन लर्निंग (ML) के जिम्मेदार इस्तेमाल के लिए मार्गदर्शक सिद्धांतों का प्रस्ताव रखा। सेबी ने कहा कि प्रतिभूति बाजार में एआई एवं एमएल के ऐसे उपयोग पर 'नियामकीय रूप से हल्का' ढांचा अपनाया जा सकता है, जो वाणिज्यिक संचालन से इतर सीधे ग्राहकों को प्रभावित करने वाले किसी अन्य उद्देश्य के लिए हो सकता है। प्रस्तावित मार्गदर्शक सिद्धांतों का उद्देश्य निवेशक सुरक्षा, बाजार अखंडता और वित्तीय स्थिरता की रक्षा के लिए प्रतिभूति बाजारों में एआई/ एमएल-आधारित अनुप्रयोगों के एकीकरण से जुड़े लाभों को अनुकूलित करना और संभावित जोखिमों को कम करना है।
संजीव भसीन को बड़ा झटका : बाजार नियामक सेबी ने आईआईएफएल सिक्योरिटीज के पूर्व निदेशक संजीव भसीन और 11 अन्य लोगों को टीवी चैनलों एवं सोशल मीडिया मंचों पर शेयरों से जुड़े सुझाव देने से संबंधित एक मामले में शेयर हेराफेरी में संलिप्त होने पर मंगलवार को प्रतिभूति बाजारों से प्रतिबंधित कर दिया। इसके साथ ही भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने उन्हें 11.37 करोड़ रुपये की अवैध ढंग से अर्जित आय लौटाने का भी निर्देश दिया।
बाजार नियामक सेबी ने निवेशकों एवं बाजार की मजबूती बनाए रखने के लिए शुक्रवार को प्रतिभूति बाजारों में कृत्रिम मेधा (एआई) एवं मशीन लर्निंग (एमएल) के जिम्मेदार इस्तेमाल के लिए मार्गदर्शक सिद्धांतों का प्रस्ताव रखा। इसके साथ ही, सेबी ने कहा कि प्रतिभूति बाजार में एआई एवं एमएल के ऐसे उपयोग पर 'नियामकीय रूप से हल्का' ढांचा अपनाया जा सकता है, जो वाणिज्यिक संचालन से इतर सीधे ग्राहकों को प्रभावित करने वाले किसी अन्य उद्देश्य के लिए हो सकता है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ : बाजार विशेषज्ञ सागर अग्रवाल ने कहा कि पिछला हफ्ता भारतीय शेयर बाजार के लिए बहुत बढ़िया रहा। रियलिटी, बैंकिंग सेक्टर सबसे ज्यादा फायदे में रहे। उन्होंने कहा कि G-7 समिट में पीएम मोदी की भागीदारी, प्रधानमंत्री का साइप्रस और क्रोएशिया दौरा, ट्रंप के बदलते बयान से भारतीय शेयर बाजार में निवेश की धारणा मजबूत हुई। ज्यादा टैक्स की वजह से चीन समेत कई देश आपस में ज्यादा व्यापार कर अमेरिका पर से अपनी निर्भरता कम कर रहे हैं।
अग्रवाल ने कहा कि इधर भारत की जीडीपी भी बेहतर दिखाई दे रही है। इसका भी हमें फायदा मिल रहा है और बाजार गिरता है तो यहां रिकवरी भी अन्य शेयर बाजारों की अपेक्षा तेजी से हो रही है। इसी वजह से FII भारतीय बाजारों को ज्यादा प्राथमिकता दे रहे हैं। वे मुनाफा वसूली करते हैं तो ज्यादा रिटर्न के लालच में यहां ज्यादा निवेश भी करते हैं।
उन्होंने कहा कि बाजार में फिलहाल अनिश्चितता का दौर खत्म हो गया है। अगर ईरान इजराइल युद्ध का स्तर नहीं बढ़ता है तो भारतीय बाजार में तेजी जारी रह सकती है। युद्ध बढ़ने पर पुरी दुनिया के बाजारों पर इसका नकारात्मक असर होगा।
अस्वीकरण : यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है। यह कोई निवेश सलाह नहीं है। किसी भी निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर लें।