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सितंबर में शेयर बाजार की सकारात्मक चाल, 2096 अंक बढ़ा सेंसेक्स, निफ्टी में कितनी तेजी

सितंबर के दूसरे हफ्ते में सेंसेक्स 2096 अंक और निफ्टी 686 अंक चढ़े। जानिए शेयर बाजार में तेजी के पीछे के कारण, विशेषज्ञों की राय और आगामी सप्ताह की संभावनाएं

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नृपेंद्र गुप्ता

मुंबई , शनिवार, 13 सितम्बर 2025 (15:39 IST)
Share market review Market ki Baat : सितंबर का दूसरा हफ्ता भी भारतीय शेयर बाजार के लिए जबरदस्त रहा। सितंबर के 10 कारोबारी दिनों में सेंसेक्स 2096 अंक और निफ्टी 686 अंक बढ़ गया। जानिए मार्केट ट्रेड और निवेशकों के लिए कैसा रहेगा अगला सप्ताह।
 
कैसी रही सेंसेक्स और निफ्टी की चाल : हफ्ते के पहले दिन 8 सितंबर भारतीय शेयर बाजार में तेजी दिखाई दी। बीएसई सेंसेक्स 76 अंक चढ़ा जबकि एनएसई निफ्टी 32 भी अंक बढ़कर बंद हुआ। 9 सितंबर को सेंसेक्स में 314 अंकों की तेजी के साथ 81,000 के पार जा पहुंचा वहीं निफ्टी भी 95 अंक चढ़ गया। 10 सितंबर को हफ्ते में लगातार तीसरे दिन सेंसेक्स 324 अंकों की बढ़त दर्ज की गई। निफ्टी में भी 104 अंकों की बढ़त दिखाई दी।
 
11 सितंबर को सेंसेक्स 123 अंकों की बढ़त के साथ 81500 के पार पहुंच गया वहीं निफ्टी भी 32 अंक बढ़कर 25000 के ऊपर पहुंच गया। हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन सेंसेक्स 356 अंक उछलकर 81,905 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी भी 109 अंक चढ़कर 25114 अंक पर रहा। इस तरह हफ्ते के पांचों दिन सेंसेक्स और निफ्टी में सकारात्मक माहौल दिखाई दिया। इस हफ्ते सेंसेक्स में 1195 अंकों का उछाल रहा तो निफ्टी में भी 372 अंकों की मजबूती आई।
 
इन फैक्टर्स से तय हुई बाजार की चाल : जीएसटी रिफॉर्म, आईटी कंपनियों में लिवाली और अमेरिका में नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद से भारतीय शेयर बाजार को गति मिली। भारत और अमेरिका के बीच जारी व्यापार वार्ताओं को लेकर नए सिरे से उम्मीद बंधने से भी बाजार धारणा मजबूत हुई। मौद्रिक नीति नरम होने के लाभ के साथ वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी छमाही में बेहतर आय की उम्मीद, मूल्यांकन को लेकर स्थिति मजबूत बना रही है।
 
क्या कहते हैं एक्सपर्ट : शेयर बाजार विशेषज्ञ सागर अग्रवाल ने कहा कि बाजार जीएसटी की वजह से संभला है। ऑटो, इंशोरेंस सेक्टर में सेलिंग बढ़ने से प्रॉफिट बढ़ेगा। इससे इन कंपनियों के शेयरों की मांग में इजाफा हो सकता है। महंगाई दर कम होने की खबरों से भी शेयर बाजार सकारात्मक है। हालांकि बाजार से अनिश्चितता पूरी तरह दूर नहीं हुई है। टैरिफ संकट का समाधान नहीं हुआ है। युद्ध पर भी कोई भी देश समझौते को तैयार नहीं है। टैरिफ पर निर्यातकों की मदद के लिए मोदी सरकार 22 अरब रुपए का राहत पैकेज जारी कर सकती है। इसके तहत निर्यातकों को बिना गारंटी लोन दिया जाएगा। इससे कपड़ा, रत्न आभूषण, रसायन और कृषि जैसे सेक्टर पर सकारात्मक असर होगा। साथ ही रोजगार भी बढ़ेगा।
 
कैसा रहेगा अगला हफ्ता : अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की अगले सप्ताह होने वाली बैठक में ब्याज दरों में कटौती की संभावना है। भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में प्रगति के संकेतों से भी निकट भविष्य में सकारात्मक गति बरकरार रहने की उम्मीद है। 22 सितंबर से बाजार में जीएसटी रिफॉर्म लागू हो रहा है। इसका असर आने वाले हफ्ते में बाजार पर दिखाई देगा। कुल मिलाकर निवेशकों का सकारात्मक रूख सितंबर के 3 हफ्ते भी बाजार पर अच्छा असर डाल सकता है।
 
दूसरी ओर वैश्विक बाजार में अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है। ईयू से झटके के बाद ट्रंप G7 देशों से भारत पर 100 फीसदी टैरिफ की अपील कर रहे हैं। अब G7 के फैसले पर भी शेयर बाजार की नजरें हैं। इस स्थिति में बाजार में मुनाफा वसूली भी हो सकती है। टैरिफ का भी भारतीय बाजार पर असर पड़ रहा है। कई देशों में जारी युद्ध भी थमने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।
 
सेबी का IPO पर बड़ा फैसला :  बाजार नियामक सेबी ने बोर्ड बैठक में 50000 करोड़ रुपए से 1 लाख करोड़ के मार्केट कैप वाली कंपनियों के लिए न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता मानदंड को 3 से बढ़ाकर 5 साल कर दिया है। 1 लाख करोड़ से 5 लाख करोड़ के बीच की कंपनियों के लिए सेबी ने न्यूनतम 6250 करोड़ रुपए का IPO रखने की बात कही है।
 
MII में 2 कार्यकारी निदेशक : सेबी के निदेशक मंडल ने बाजार को मजबूत करने के लिए शेयर बाजार जैसे बाजार अवसंरचना संस्थानों (एमआईआई) में दो नए कार्यकारी निदेशकों की नियुक्ति अनिवार्य करने का भी फैसला किया। सेबी ने रीट को इक्विटी और इनविट्स को हाइब्रिड श्रेणी में रखने का फैसला किया है, जिससे म्यूचुअल फंड और विशेषीकृत निवेश कोषों के निवेश के लिए रास्ता साफ हो जाएगा।
 
अस्वीकरण : यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है। यह कोई निवेश सलाह नहीं है। किसी भी निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर लें।

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