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युद्ध की आहट से सरपट दौड़ा क्रूड, दहशत में शेयर बाजार, बैकफुट पर निवेशक

ईरान-इजरायल संघर्ष, ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतों, मुद्रास्फीति के आंकड़ों और अमेरिकी केंद्रीय बैंक के ब्याज दर पर निर्णय से तय होगी बाजार की चाल

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नृपेंद्र गुप्ता

, रविवार, 15 जून 2025 (15:27 IST)
Share market review: जून के दूसरे हफ्ते में भी भारतीय शेयर बाजार में अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। इसराइल और ईरान के बीच भड़के युद्ध ने इस हफ्ते बाजार को बुरी तरह प्रभावित किया। निवेशकों ने ज्यादा जोखिम वाली संपत्तियों से दूरी बनाए रखी। स्थानीय शेयर बाजार की दिशा इस सप्ताह ईरान-इजरायल संघर्ष, ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतों, मुद्रास्फीति के आंकड़ों और अमेरिकी केंद्रीय बैंक के ब्याज दर पर निर्णय से तय होगी। जापान और ब्रिटेन के केंद्रीय बैंक भी अपनी ब्याज दरों की अलग-अलग घोषणा करेंगे।
 
पिछले सप्ताह शुक्रवार को सेंसेक्स और निफ्टी में करीब एक प्रतिशत की गिरावट आई। कमजोर वैश्विक बाजारों और ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतों में उछाल ने निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,070.39 अंक या 1.30 प्रतिशत नीचे आया। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 284.45 अंक या 1.13 प्रतिशत के नुकसान में रहा।
 
कैसी रही सेंसेक्स और निफ्टी की चाल : स्थानीय शेयर बाजार में सोमवार को लगातार चौथे कारोबारी सत्र में तेजी जारी रही और बीएसई सेंसेक्स 256 अंक के लाभ में रहा। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 100 अंक चढ़ गया। मंगलवार को सेंसेक्स में 52 अंकों की गिरावट थी तो निफ्टी भी मात्र 1 अंक ही बढ़ा। अमेरिका और चीन के बीच व्यापार वार्ता को लेकर उम्मीद तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों के पूंजी प्रवाह से वैश्विक बाजारों में बढ़त के बीच बुधवार को घरेलू बाजार में मजबूती रही। स्थानीय शेयर बाजार में बुधवार को तेजी रही और बीएसई सेंसेक्स 123 अंक चढ़ गया। निफ्टी भी 37 अंक चढ़कर 25,141.40 अंक पर बंद हुआ।
 
गुरुवार को पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने से सेंसेक्स 823 अंक लुढ़का, निफ्टी 25,000 अंक से नीचे फिसला। पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने और एयर इंडिया के विमान हादसे की वजह से शेयर बाजार में भारी गिरावट दिखाई दी। विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी ने भी निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया। बीएसई का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स शुक्रवार को 573.38 अंक की गिरावट के साथ 81,118.60 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी भी 170 अंक टूट गया। पिछले दो सत्र में सेंसेक्स में कुल 1,396.54 अंक यानी 1.69 प्रतिशत की गिरावट आई है। शेयर बाजार में दो सत्रों से जारी गिरावट के बीच इक्विटी बाजार के निवेशकों को कुल 8.35 लाख करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है।
 
कच्चे तेल से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में गिरावट : इजराइल और ईरान में बढ़ते तनाव के बीच वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड की कीमतों में उछाल के बाद तेल विपणन कंपनियों, विमानन, पेंट्स और टायर कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई। ये वे क्षेत्र हैं जो कच्चे तेल से जुड़े हैं। बीएसई पर भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड के शेयर में 1.90 प्रतिशत, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन में 1.78 प्रतिशत और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड के शेयर में 1.41 प्रतिशत की गिरावट आई। इंटरग्लोब एविएशन के शेयर में 3.71 प्रतिशत और स्पाइसजेट के शेयर में 1.95 प्रतिशत की गिरावट आई।
 
विशेषज्ञों के अनुसार, भू-राजनीतिक तनाव बढ़ रहा है और इसका असर तेल बाजार पर पड़ रहा है। ईरान पर इजराइल के हवाई हमलों ने आपूर्ति बाधित होने की आशंकाओं को जन्म दिया है, जिससे कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया है।
 
8 बड़ी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 1.65 लाख करोड़ रुपए घटा :  स्थानीय शेयर बाजार में सुस्ती के रुख के बीच बीते सप्ताह सेंसेक्स की शीर्ष 10 सबसे मूल्यवान कंपनियों में से 8 के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में सामूहिक रूप से 1,65,501.49 करोड़ रुपए की गिरावट आई। सबसे अधिक नुकसान एचडीएफसी बैंक को हुआ। रिलायंस इंडस्ट्रीज, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी), बजाज फाइनेंस और हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड के बाजार मूल्यांकन में गिरावट आई।
 
टॉप 10 कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले स्थान पर कायम रही। उसके बाद क्रमश: एचडीएफसी बैंक, टीसीएस, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, इन्फोसिस, एलआईसी, बजाज फाइनेंस और हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड का स्थान रहा।
 
क्या कहते हैं एक्सपर्ट : बाजार विशेषज्ञ योगेश बागौरा ने कहा कि मध्य एशिया में तनाव की वजह से शेयर बाजार में संशय की स्थिति रही। क्रूड के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं और युद्ध की स्थिति में यह जल्द ही 110 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकता है। इससे अर्थव्यवस्था में सुस्ती आ सकती है। तेल की मार का असर आर्थिक विकास पर भी पड़ सकता है। इसका शेयर बाजार पर नकारात्मक असर हो सकता है। 
 
उन्होंने कहा कि निवेशक निफ्टी में निवेश के दौरान 23800 का स्तर का ध्‍यान रखें। इसके नीचे बाजार में भारी गिरावट आ सकती है। इसी तरह सेंसेक्स में भी 2500 से 3000 अंकों की गिरावट आ सकती है। उन्होंने फिलहाल निवेशकों को तेल कंपनियों के शेयरों में निवेश से बचने की सलाह दी।
edited by : Nrapendra Gupta 
 

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