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Share Market लगातार दूसरे दिन टूटा, निवेशकों के डूबे 5.18 लाख करोड़ रुपए

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , सोमवार, 15 अप्रैल 2024 (20:13 IST)
Stock market decline for the second consecutive day : शेयर बाजार में सोमवार को तेज गिरावट से निवेशकों को 5.18 लाख करोड़ रुपए की चपत लगी। पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने से बाजार धारणा प्रभावित हुई।
 
30 शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स में लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में गिरावट रही और यह 845.12 अंक यानी 1.14 प्रतिशत की गिरावट के साथ 73,399.78 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान, एक समय यह 929.74 अंक तक लुढ़क गया था।
 
इस गिरावट के साथ बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 5,18,953.97 करोड़ रुपए गिरकर 3,94,48,097.90 करोड़ रुपए रहा।  नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 246.90 अंक यानी 1.10 प्रतिशत की गिरावट के साथ 22,272.50 अंक पर बंद हुआ। इससे पहले शुक्रवार को सेंसेक्स 793.25 अंक और निफ्टी 234.40 अंक के नुकसान में रहा था। कुल मिलाकर 2  कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स 1,638 अंक यानी 2.19 प्रतिशत और निफ्टी 481 अंक यानी 2.13 प्रतिशत टूटा है।
विश्लेषकों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की पूंजी निकासी और अमेरिका में मुद्रास्फीति अनुमान से अधिक बढ़ने से बाजार नुकसान में रहा। इसके अलावा पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने तथा भारत-मॉरीशस कर संधि में प्रस्तावित बदलाव से भी बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।
 
ये शेयर रहे लाभ-हानि में : सेंसेक्स के शेयरों में विप्रो, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस, टाटा मोटर्स, लार्सन एंड टुब्रो, टेक महिंद्रा और एचडीएफसी बैंक प्रमुख रूप से नुकसान में रहे। दूसरी तरफ नेस्ले, मारुति और भारती एयरटेल के शेयर लाभ में रहे।
 
एशिया और यूरोप के बाजारों में कारोबार : एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट सूचकांक लाभ में रहा। यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में मिलाजुला रुख रहा। अमेरिकी बाजार वॉल स्ट्रीट शुक्रवार को नुकसान में रहा था।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि वैश्विक स्तर पर राजनीतिक तनाव बढ़ने और अमेरिका में महंगाई दर अनुमान से अधिक होने से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई। अधिक मूल्यांकन और वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में कंपनियों की कमाई में कमी आने के अनुमान के कारण मझोली और छोटी कंपनियों के सूचकांकों में मुख्य रूप से गिरावट रही।
 
यूरोपीय बाजार में रहा सकारात्मक रुख : उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ यूरोपीय बाजार में शुरुआती कारोबार में सकारात्मक रुख रहा जबकि तेल के दाम में नरमी आई। बाजार प्रतिभागियों का मानना है कि राजनयिक स्तर पर जारी प्रयासों से पश्चिम एशिया में तनाव खत्म होने की उम्मीद है। इस बीच वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.04 प्रतिशत फिसलकर 89.51 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को 8,027 करोड़ रुपए मूल्य के शेयर बेचे। सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, देश में सब्जियों, आलू, प्याज और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण थोक मुद्रास्फीति मार्च में मामूली रूप से बढ़कर 0.53 प्रतिशत हो गई, जो फरवरी में 0.20 प्रतिशत थी।
शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार खुदरा मुद्रास्फीति मार्च महीने में घटकर 4.85 प्रतिशत रही, जो 5महीने का निचला स्तर है, वहीं खनन क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन से औद्योगिक उत्पादन में फरवरी 2024 में वृद्धि 5.7 प्रतिशत रही, जो 4 महीने का उच्च स्तर है।(इनपुट भाषा)
Edited By : Chetan Gour 

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