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शेयर बाजार में दूसरे दिन भी गिरावट, सेंसेक्स 299 अंक टूटा

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मुंबई , सोमवार, 24 जुलाई 2023 (20:01 IST)
stock market news: स्थानीय शेयर बाजारों में सोमवार को लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स करीब 300 अंक टूट गया। तिमाही परिणाम उम्मीद के अनुरूप नहीं रहने के बाद प्रमुख शेयरों में भारी बिकवाली से बाजार में गिरावट रही।
 
कारोबारियों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी तथा कच्चे तेल के दाम में तेजी से भी शेयर बाजार पर असर पड़ा। इसके अलावा निवेशकों को अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की इस सप्ताह घोषित होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा का भी इंतजार है।
 
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 299.48 अंक यानी 0.45 प्रतिशत की गिरावट के साथ 66,384.78 अंक पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 72.65 अंक यानी 0.37 प्रतिशत की गिरावट के साथ 19,672.35 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 19,782.75 से 19,658.30 अंक के दायरे में रहा।
 
सेंसेक्स के शेयरों में विभिन्न कारोबार से जुड़ी आईटीसी के शेयर में सबसे ज्यादा 3.87 प्रतिशत की गिरावट आई। कंपनी के होटल कारोबार को अलग करने की घोषणा के बाद शेयर नीचे आया। इसके अलावा, कोटक बैंक, टेक महिंद्रा और रिलायंस इंडस्ट्रीज, जेएसडब्ल्यू स्टील, टाटा स्टील, एचयूएल और मारुति भी नुकसान में रहें।
 
दूसरी तरफ लाभ में रहने वाले शेयरों में इंडसइंड बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, पावर ग्रिड और बजाज फिनसर्व 2.01 प्रतिशत तक मजबूत हुए। कुल मिलाकर सेंसेक्स के 30 में 18 शेयर लाभ में जबकि 12 नुकसान में रहे।
 
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि पिछले सप्ताह सूचना प्रौद्योगिकी और दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों के घोषित परिणाम उम्मीद के अनुरूप नहीं होने से बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला।
 
उन्होंने कहा कि क्षेत्रवार देखा जाए तो सूचना प्रौद्योगिकी और दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों (एफएमसीजी) के शेयर नुकसान में रहे। इसका कारण कमजोर मांग है और कच्चे माल की लागत बढ़ना है। बैंकों में मिला-जुला रुख रहा जबकि औषधि कंपनियों के शेयरों में उतार-चढ़ाव कम हुआ। इसका कारण विकसित अर्थव्यवस्थाओं से अच्छी मांग, अमेरिका में कीमत का मुद्दा कम होना और परिचालन मार्जिन का बढ़ना है।
 
नायर ने कहा कि निवेशक फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) की बैठक को लेकर भी सतर्क हैं। ऐसी संभावना है कि एफओएमसी नीतिगत दर में वृद्धि का निर्णय कर सकती है, इससे एफआईआई के पूंजी प्रवाह पर प्रभाव पड़ेगा। बीएसई मिडकैप सूचकांक 0.30 प्रतिशत जबकि स्मॉलकैप सूचकांक 0.07 प्रतिशत मजबूत हुए।
 
एशिया के अन्य बाजारों में मिला-जुला रुख रहा। जापान का निक्की लाभ में जबकि हांगकांग का हैंगसेंग और चीन का शंघाई कम्पोजिट नुकसान में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में मिला-जुला रुख रहा। अमेरिकी बाजार शुक्रवार को लाभ में रहे थे।
 
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.73 प्रतिशत की बढ़त के साथ 81.66 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को 1988.77 करोड़ रुपए के शेयर बेचे थे। (भाषा)
 


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