स्वामी विवेकानंद के विचारों को पढ़कर व्यक्ति अपने जीवन दशा और दिशा दोनों ही बदली जा सकती है। उनके प्रेरक विचार और जीवन के अनुभव हमेशा आगे बढ़ने की सीख देते हैं। छोटी उम्र में ही अपने लक्ष्य को साधने के लिए 25 साल की उम्र में उन्होंने संन्यास ले लिया था और आध्यात्मिक राह पर निकल गए थे। युवाओं को अग्रसर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने वाले स्वामी विवेकानंद जी के व्यक्तित्व की 5 विशेषताओं पर डालते हैं नजर जिससे भी आप अवश्य कुछ न कुछ जरूर सीखेंगे -
1. धैर्य रखें - स्वामी विवेकानंद जी के जीवन से सीख लेकर बहुत अच्छे जीवन का निर्माण किया जा सकता है। वह किसी भी कार्य को करने के लिए धैर्य साधने के लिए कहते थे और उस काम को पूरी निष्ठा से करने पर जोर दिया जाता था। धैर्य रखें पूरी निष्ठा से किया गया कार्य हमेशा पूरा होता है।
2. दृढ़ निश्चय - अपने जीवन का उद्धार करने के लिए उन्होंने कम उम्र में ही बहुत बड़ा त्याग कर दिया था। 25 साल की उम्र में घर को त्याग कर संयम की राह पर निकल गए। ऐसा नहीं हुआ होगा कि उनके माता-पिता या परिजनों ने नहीं रोका होगा। लेकिन उन्होंने दृढ़ निश्चय कर लिया था।
3.आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया - स्वामी विवेकानंद जी ने अपने जीवन में हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। राह दिखाई। कड़े फैसले लेने के लिए प्रेरित करते हैं, अच्छे जीवन का निर्माण तभी संभव है। उन्हें हमेशा अपने पैरों पर खड़े होने के लिए आगे बढ़ाया।
4.आत्मविश्वास - अगर आपके अंदर आत्मविश्वास है तो सफलता आपको जरूर मिलेगी। किसी कार्य में सफलता मिलना नहीं मिलना आपके हाथों में हैं। अगर आत्मविश्वास होगा तो सफलता भी आपके कदम चूमेगी।
5. एकाग्रता - किसी भी कार्य को करने के लिए पूर्ण एकाग्रता से काम करें। जिससे आप किसी भी कार्य को बहुत कम वक्त में कर सकेंगे। और वह जल्दी भी हो जाएगा।