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गंगा दशहरा पर क्या लगाएं भोग।
गंगा दशहरा की रेसिपी जानें।
गंगा दशहरा पर बनाएं पारंपरिक शाही चूरमा।
Ganga Maiya Naivedya : गंगा दशहरा के पावन पर्व पर गंगा मैया को इस पारंपरिक राजस्थानी मिठाई का लगाए भोग। गंगा माता प्रसन्न होकर आप पर अपनी कृपा अवश्य बरसाएंगी, नोट करें रेसिपी....
शाही मीठा चूरमा
सामग्री : आटा 500 ग्राम, 400 ग्राम पिसी चीनी (बूरा), 100 ग्राम मावा, 100 ग्राम मिश्री, 1/2 चम्मच केसर, 2 चम्मच पिसी छोटी इलायची, पाव कप पिस्ता, घी आवश्यकतानुसार, 1 चम्मच गुलाब जल।
विधि : सबसे पहले गेहूं के आटे में घी का अच्छा मोयन देकर कड़ा सान लें। फिर इसकी मुठियां बना लें। एक कढ़ाही में घी गर्म करके बादामी तल लें।
अब इन्हें इमाम दस्ते में साथ-साथ कूट लें। फिर मोटी चलनी से छान लें। मोटे टुकड़ों को फिर से कूटकर छान लें। फिर उबलते पानी में पिस्ता 2-3 मिनट रखकर निकाल लें। इन्हें छीलकर लंबे-लंबे महीन काट लें। मिश्री को दरदरा दल लें। केसर को गुलाब जल में घोटकर चीनी में मिला दें।
अब मावे को मोटी चलनी से छानकर, धीमी आंच पर गुलाबी होने तक सेंक लें। और इसमें गर्म करके ठंडा किया हुआ 100 ग्राम के करीब घी मिला दें। अब छने हुए मुठियां के बुरे में मावा, चीनी, पिसी इलायची व पिस्ता की कतरन मिला दें। लीजिए तैयार हो गया आपका पारंपरिक शाही मीठा चूरमा। अब इस भोग को यानि चूरमे को गंगा मैया को अर्पित करें।
नोट : यदि चाहें तो इसके लड्डू भी बांध कर नैवेद्य चढ़ा सकते हैं।