दुबई:हसन अली ने मैथ्यू वेड का कैच छोड़ दिया था जिसे पाकिस्तान के खिलाफ टी20 विश्व कप सेमीफाइनल का नतीजा ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में करने के लिये अहम माना जा रहा है लेकिन इससे फायदा उठाने वाले खिलाड़ी ने इससे इनकार किया और कहा कि अगर यह कैच लपक भी लिया गया होता तो भी उनकी टीम जीत जाती।
ऑस्ट्रेलिया ने दूसरे रोमांचक सेमीफाइनल में पाकिस्तान पर पांच विकेट से जीत दर्ज की जिसमें आरोन फिंच की टीम ने 177 रन के लक्ष्य को हासिल कर लिया।सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर (30 गेंद में 49 रन) के अलावा वेड 17 गेंद में 41 रन बनाकर ऑस्ट्रेलिया के नायक रहे जिन्होंने अली द्वारा कैच छोड़े जाने के बाद 19वें ओवर में लगातार तीन छक्के जड़े।
वेड ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, यह कहना मुश्किल होगा। मुझे नहीं लगता कि कैच छोड़ना टर्निंग प्वाइंट था। मुझे लगता है हमें उस समय 12 या 14 रन की जरूरत थी। मुझे लगता है कि मैच उस समय हमारे पक्ष में होना शुरू हो गया था।
उन्होंने कहा, अगर मैं तब आउट हो जाता तो निश्चित रूप से हमें नहीं पता कि क्या होता, लेकिन मुझे पूरा भरोसा था कि पैट (कमिंस) क्रीज पर उतरकर मार्कस स्टोइनिस के साथ टीम को जीत तक पहुंचा देते। वेड ने कहा, मैं यह नहीं कहूंगा कि इस कारण (कैच छोड़े जाने के) हमने मैच जीत लिया था।
जबकि पाकिस्तानी कप्तान बाबर आजम ने मैच के बाद इस हार के लिये पूरी तरह से अली की चूक को जिम्मेदार ठहराया था।बाबर ने कहा था, टर्निंग प्वाइंट, वो कैच छूटना था। अगर हमने वो कैच ले लिया होता तो चीजें अलग हुई होतीं।
तैंतीस वर्षीय वेड इससे इत्तेफाक नहीं रखते और उन्होंने कहा कि गुरूवार की रात वह अपने अनुभव के बूते ही दबाव से निपट सके।
उन्होंने कहा, इससे (अनुभव) निश्चित रूप से मदद मिलती है, इस तरह के मैचों में इन परिस्थितियों में अनुभव अहम होता है। हालांकि हमने कुछ शुरूआती विकेट गंवा दिये थे लेकिन ड्रेसिंग रूम में कोई घबराहट नहीं थी। हमारे सभी खिलाड़ी अनुभवी हैं।
मैंने सोचा पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल टीम का प्रतिनिधित्व करने का अंतिम मौका होगा: वेड
विकेटकीपर बल्लेबाज मैथ्यू वेड ने सोचा था कि पाकिस्तान के खिलाफ टी20 विश्व कप सेमीफाइनल ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व करने के लिये संभवत: उनका अंतिम मौका होगा, पर वह 41 रन की नाबाद पारी खेलकर अपनी टीम को फाइनल में पहुंचाने में सफल रहे।
प्लेयर ऑफ द मैच वेड ने गुरूवार को पाकिस्तान के खिलाफ 17 गेंद में यह पारी खेली और ऑस्ट्रेलिया
को पांच विकेट की जीत दिलाने में अहम भूमिका निभायी।वेड ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, मैं मैच से पहले थोड़ा नर्वस था और जानता था कि ऑस्ट्रेलियाका प्रतिनिधित्व करने का यह अंतिम मौका हो सकता था।
उन्होंने कहा, मैं सिर्फ अच्छा करना चाहता था और वास्तव में इस मैच में जीत दर्ज करना चाहता था ताकि हमें टूर्नामेंट जीतने का मौका मिल जाये। वेड ने कहा, फाइनल भी मेरा शायद अंतिम मैच हो सकता है। जैसा कि बीते समय में मैंने कहा है कि मैं इससे सहज हूं।
ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिये 30 गेंद में 62 रन चाहिए थे। वेड ने शाहीन शाह अफरीदी पर 19वें ओवर में लगातार तीन छक्के जड़कर टीम को जीत दिलायी।
यह पूछने पर कि क्या वह अफरीदी को निशाना बना रहे थे जिन्हें टी20 का बेहतरीन गेंदबाज माना जाता है तो वेड ने कहा, ईमानदारी से कहूं तो हमने उसे निशाना नहीं बनाया था। मार्कस स्टोइनिस ने शानदार पारी खेली जिससे हमने सोचना शुरू कर दिया कि अंत में इस लक्ष्य को हासिल कर लेंगे।
उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि वह (स्टोइनिस) जिस तरह से खेला, उससे मैं अपनी इच्छानुसार खेलने के लिये सहज हो गया। हम किसी गेंदबाज को निशाना बनाने के बारे में सोच कर मैदान पर नहीं उतरते है। वह (अफरीदी) शानदार गेंदबाज हैं और शायद आज मैं भाग्यशाली रहा।
वेड का अंतरराष्ट्रीय करियर 2017-18 एशेज से पहले उन्हें टीम से बाहर किये जाने के बाद ही समाप्त हुआ दिख रहा था। टी-20 विश्वकप से पहले इस 33 साल के खिलाड़ी ने भारत के खिलाफ पिछले साल अपना आखिरी टी-20 खेला था। (भाषा)