नई दिल्ली:आईसीसी टी-20 विश्व कप 2021 के लिए नेट गेंदबाज के तौर पर भारतीय टीम के साथ जुड़े तेज गेंदबाज आवेश खान संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से भारत लौट गए हैं। आवेश ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक तस्वीर अपलोड करके स्वदेश लौटने की जानकारी दी है। उन्होंने तस्वीर के साथ लिखा, अगला स्टॉप दिल्ली है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले पिछले हफ्ते करण शर्मा, शाहबाज अहमद, कृष्णप्पा गौतम और वेंकटेश अय्यर आगामी चार नवंबर से शुरू होने वाले सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी टूर्नामेंट में अपने-अपने राज्यों का प्रतिनिधित्व करने के लिए यूएई से भारत वापस लौटे थे। इन खिलाड़ियों को भी टी-20 विश्व कप के लिए नेट गेंदबाज के तौर पर भारतीय टीम में शामिल किया गया था और टीम की तैयारियों में अपनी भूमिका निभा रहे थे।
24 वर्षीय आवेश खान ने यूएई में खेले गए आईपीएल 2021 सीजन में शानदार प्रदर्शन किया था। उन्होंने 16 मैचाें में 18.75 की औसत से 24 विकेट अपने नाम किए थे। 13 रन देकर तीन विकेट लेना उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। वह लीग में हर्षल पटेल के बाद दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे थे। आईपीएल में शानदार प्रदर्शन के बाद ही उन्हें यूएई में रुकने के लिए कहा गया था और भारतीय टीम की तैयारी के लिए नेट गेंदबाज के तौर पर चुना गया था।
आवेश टेस्ट टीम के साथ स्टैंडबाई के रूप में इंग्लैंड भी गए थे लेकिन काउंटी की संयुक्त टीम के खिलाफ भारत के अभ्यास मैच के दौरान अंगुली में फ्रेक्चर के कारण उन्हें दौरे के बीच से वापस लौटना पड़ा था।
10-12 यॉर्कर डालने की कोशिश रहती है
आईपीएल के इस सत्र के सबसे सफल खिलाड़ियों में से एक इंदौर के इस तेज गेंदबाज ने यूएई से दिये इंटरव्यू में कहा था ,मैं अभ्यास करते समय 10-12 यॉर्कर जरूर डालता हूं। यॉर्कर ऐसी गेंद है जिस पर महारत अभ्यास से आती है। मैं बोतल या जूते रखकर गेंद डालता हूं और उस पर गेंद लगती है तो मेरा आत्मविश्वास बढता है और परफेक्शन आती है।
उन्होंने कहा था , यॉर्कर विकेट लेने वाली गेंद है। दबाव में इसे डालना अहम है क्योंकि यह ही ऐसी गेंद है जिससे मार खाने से बच सकते हैं। नये बल्लेबाज को अपेक्षा नहीं रहती कि उसे आते ही यॉर्कर मिलेगी लेकिन मैं डालता हूं।
आवेश ने हाल ही में क्रिकइंफो के साथ बातचीत में कहा था,'भारत के लिए खेलने का सपना देखने वालों के लिए इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) एक दरवाज़े की तरह है। इस सीज़न हर एक मैच खेलने से मुझमें आत्मविश्वास आया है। हर साल मैं यही तैयारी करता था कि मुझे पहले मैच से ही मौक़ा मिलेगा, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा कभी नहीं हुआ। पिछले दो साल में मुझे बस एक-एक मैच मिले। इस सीज़न पहले दो मैचों के लिएकैगिसो रबादा और एनरिक नोर्त्जे उपलब्ध नहीं थे, जबकि इशांत भाई फ़िट नहीं थे। उस समय ऋषभ पंत ने मुझ पर विश्वास दिखाया। मेरा लक्ष्य था कि अगर मुझे पहले मैच से मौक़ा मिले तो मैं उसे दोनों हाथ से लपकूंगा और ऐसा प्रदर्शन करूंगा जो टीम की जीत में सहायक हो।'(वार्ता)