भारत के लिए जैसा पिछला रविवार गया वैसा यह रविवार गया। कुछ नहीं बदला दोनों ही मैचों की लगभग वही स्क्रिप्ट। विराट कोहली फिर टॉस हार गए और निराश होकर बल्लेबाजी करना पड़ा। यह थी टॉस की भूमिका इस मैच में।
भारत की बल्लेबाजी पाकिस्तान से हुए मैच से भी बदत्तर रही लेकिन गेंदबाजी में बहुत थोड़ा सा ही सुधार देखने को मिला वह भी सिर्फ एक गेंदबाज से। कुल मिलाकर देखा जाए तो भारतीय गेंदबाजो ने 2 मैचों में सिर्फ 2 विकेट लिए यही भारतीय टीम के हार का कारण रहा और इस टी-20 विश्वकप से बाहर निकलने का कारण भी।
दोनों ही मैचों में भारतीय गेंदबाजों को ओस का सामना करना पड़ा। लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऐसी स्थितियों के लिए तैयार होना पड़ता है। फैंस और दर्शकों को यह सिर्फ और सिर्फ बहाने लगते हैं।
दो मैचों में भारतीय टीम ने 194 गेंदे डाली जिसमें 263 रन लुटाए और सिर्फ 2 विकेट ही जसप्रीत बुमराह के नाम हुए। आज हुए मैच में उन्होंने दोनों कीवी ओपनर मार्टिन गुप्टिल और डेरिल मिचेल को अपना शिकार बनाया।
बुमराह ने 4 ओवर के स्पैल में 19 रन देकर 2 विकेट झटके। लेकिन कहते हैं ना कि अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता बस वैसा ही कुछ आज हुआ। भारतीय टीम न्यूजीलैंड के हाथों करो या मरो के मुकाबले में 8 विकेट से हार गई।
भारतीय टीम के लिए यह दो मैचों की हार इसलिए भी चुभने वाली है क्योंकि टूर्नामेंट की शुरुआत में टीम इंडिया की गेंदबाजी को सबने मजबूत माना था लेकिन ओस ने गेंद को ऐसा भिगो दिया कि ना लाइन रही ना लेंग्थ और टीम इंडिया की मजबूत कड़ी ही उसको ले डूबी।
ना तो तेज गेंदबाजों ने कुछ कमाल दिखाया ना ही मिस्ट्री स्पिनर के नाम से टीम में शामिल किए गए वरुण चक्रवर्ती ने ही कुछ कमाल दिखाया। न्यूजीलैंड के खिलाफ भले ही उन्होंने रन कम दिए लेकिन जिस काम के लिए उनको टीम में लिया गया था वह काम नहीं कर पाए।
अब भारत के लिए सेमीफाइनल में जाने के लिए अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड मैच का इंतजार करना होगा। वैसे पक्ष का फैसला आने के बाद भी भारत का टिकट कन्फर्म नहीं है भारत को स्कॉटलैंड और नामीबिया दोनों टीमों पर बहुत बड़ी जीत दर्ज करनी होगी।