7 अक्टूबर 2012 का दिन वेस्टइंडीज क्रिकेट के लिए काफी खास है। दो बार के एकदिवसीय विश्वकप विजेता वेस्टइंडीज पहली बार आज 9 साल पहले ट्वेंटी-20 का चैंपियन बना जबकि श्रीलंका फाइनल का मिथक तोड़ने में नाकाम रही।मैन ऑफ द मैच' मार्लोन सैमुअल्स की करिश्माई पारी तथा कप्तान डेरेन सैमी के चमत्कारिक खेल से वेस्टइंडीज ने कई विपरीत परिस्थितियों से पार पाकर मेजबान श्रीलंका को 36 रन से हराकर आईसीसी विश्व ट्वेंटी-20 का खिताब जीता दिया
पिछले पांच साल में यह चौथा अवसर था जब वनडे और ट्वेंटी-20 विश्वकप के फाइनल में श्रीलंकाई टीम को पराजय झेलनी पड़ी थी। यह मुकाबला क्रिस गेल बनाम श्रीलंका माना जा रहा था। गेल की विश्व कप जीतने की भविष्यवाणी तो सही साबित हुई लेकिन वह स्वयं 16 गेंद पर केवल तीन रन बना पाए थे।
वेस्टइंडीज यदि छह विकेट पर 137 रन बना पाया तो इसका श्रेय सैमुअल्स को गया, जिन्होंने 56 गेंद पर तीन चौकों और छह छक्कों की मदद से 78 रन बनाए। सैमी ने 15 गेंद पर नाबाद 26 रन ठोंके। वेस्टइंडीज ने पहले 11 ओवर में 38 रन बनाए थे लेकिन वह आखिरी नौ ओवर में 99 रन बना गया। श्रीलंका का स्कोर 11 ओवर तक तीन विकेट पर 53 रन था।
वेस्टइंडीज ने तो इसके बाद खूब रन बनाए लेकिन श्रीलंका ने विकेट गंवाए। मेजबान टीम 18.4 ओवर में 101 रन पर ढेर हो गई। श्रीलंका की तरफ से कप्तान माहेला जयवर्धने ने 36 गेंद पर सर्वाधिक 33 रन बनाए। वेस्टइंडीज के लिए सुनील नारायण ने नौ रन देकर तीन और सैमी ने छह रन देकर दो विकेट लिए। सैमुअल्स ने गेंदबाजी में भी कमाल दिखाया तथा चार ओवर में 15 रन देकर एक विकेट लिया था।
वेस्टइंडीज ने 1975 और 1979 में वनडे विश्वकप जीता था। उसके बाद वह अब 32 साल बाद विश्व चैंपियन बना था। कैरेबियाई टीम ने इस बीच 2004 में आईसीसी चैंपियन्स ट्रॉफी भी जीती थी।
सैमुअल बद्री ने संगकारा को गेंद हवा में लहराने के लिए मजबूर किया तो सैमी ने एंजेलो मैथ्यूज की गिल्लियां बिखेरी। इस बीच हल्की बारिश आने लगी तो जयवर्धने ने डकवर्थ लुईस की शीट देखकर अपनी स्थिति भी परखी। श्रीलंका काफी पीछे था और यहां से उसने तेजी से रन बनाने की हड़बड़ी में लगातार विकेट गंवाए।
जयवर्धने को दो बार जीवनदान मिला लेकिन नारायण की गेंद को हवा में उठाने का प्रयास उन्हें महंगा पड़ा क्योंकि सैमी ने उनका कैच लेने में गलती नहीं की थी। जीवन मेंडिस और तिसारा परेरा रन आउट हो जबकि सैमी ने लाहिरू तिरिमाने को पवेलियन भेजा, जिससे स्कोर सात विकेट पर 69 रन हो गया था।
ऐसे में नुवान कुलसेकरा (13 गेंद पर 26 रन) ने रामपाल के ओवर में एक छक्के और तीन चौकों की मदद से 21 बटोरकर स्थानीय दर्शकों को उत्साहित कर दिया। नारायण ने हालांकि आते ही कुलसेकरा के तेवरों को ठंडा करके स्टेडियम को फिर से सन्न कर दिया।
इसके बाद वेस्टइंडीज की जीत महज औपचारिकता रह गई थी। इससे पहले वेस्टइंडीज ने पावर-प्ले के छह ओवरों में केवल 14 रन बनाये थे। श्रीलंका ने क्रिस गेल जैसे धाकड़ बल्लेबाज को भी 6 ओवरों के अंदर पैवेलियन रवाना कर दिया था। जॉनसन चार्ल्स तो मैथ्यूज के पहले ओवर में ही आउट हो गए थे।
दस ओवर बाद स्कोर 2 विकेट 32 रन था और तब तक केवल एक चौका लगा था। पारी का पहला छक्का 12वें ओवर में अकिला धनंजय की गेंद पर ब्रावो ने लगाया। सैमुअल्स ने उनसे प्रेरणा लेकर लसिथ मालिंगा के अगले ओवर में तीन छक्के लगाये। इनमें पहले छक्के से टीम का स्कोर 50 रन के पार पहुंचा। इस ओवर में 21 रन बने। उन्होंने जीवन मेंडिस की लगातार गेंदों पर भी छक्का और चौका लगाया।
अजंता मेंडिस ने हालांकि कैरेबियाई खेमे में थोड़ी भी खुशी नहीं लौटने दी। उन्होंने ब्रावो (19 गेंद पर 19 रन) को एलबीडब्ल्यू किया और फिर अपने अगले ओवर में सेमीफाइनल में तूफानी पारी खेलने वाले कीरेन पोलार्ड और आंद्रे रसेल को लगातार गेंद पर पैवेलियन भेजा।
श्रीलंका के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज मलिंगा फिर से सैमुअल्स के निशाने पर था। उन्होंने इस गेंदबाज की तीन गेंदों पर दो छक्कों की मदद से 16 रन बटोरे लेकिन धनंजय के अगले ओवर में वह मिडविकेट पर कैच दे बैठे।
इसके बाद सैमी ने आखिरी ओवर में 15 रन लेकर टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया था। श्रीलंका की तरफ से उसके दो मुख्य गेंदबाजों का प्रदर्शन एक दूसरे के विपरीत रहा था। स्पिनर अजंता मेंडिस ने चार ओवर में 12 रन देकर चार विकेट लिए थे जबकि सैमुअल्स के निशाने पर रहे लसिथ मलिंगा ने चार ओवर में 54 रन लुटाए थे। मैथ्यूज ने चार ओवर में 11 रन देकर एक विकेट लिया था।
वेस्टइंडीज की इस जीत में एक और अनोखी बात यह रही कि खिताब जीतने वाली यह टीम बिना कोई मैच जीते सुपर एट में दाखिल हुई थी। ऐसा ही संयोग 2010 के टी-20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के साथ भी हुआ था, जब उसने बिना कोई मैच जीते सुपर एट में प्रवेश किया था और बाद में वह चैंपियन टीम बनी।
वहीं अपने घरेलू दर्शकों के सामने मिली खिताबी हार के बाद श्रीलंका के कप्तान माहेला जयवर्धने ने आईसीसी ट्वेंटी-20 विश्कप के फाइनल में वेस्टइंडीज के हाथों मिली हार के बाद अपना पद छोड़ दिया।