नई दिल्ली। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे को लेकर भारत सरकार और 'रुको और देखो' की नीति पर काम कर रही है। हालांकि अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने का मिशन युद्ध स्तर पर चल रहा है। इस बीच पीएम मोदी के एक बयान से तालिबान झल्ला गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कहना कि आतंक की सत्ता स्थायी नहीं रहती, तालिबान को यह बात कड़वी लगी है।
तालिबान के प्रमुख नेता शहाबुद्दीन दिलावर ने इसे चुनौती के रूप में लेते हुए दावा किया है कि उसका संगठन सफल रहेगा। दिलावर ने कहा कि भारत जल्द देखेगा कि तालिबान देश को ठीक तरीके से चला सकता है। दिलावर ने कहा पाकिस्तान को दोस्ताना देश बताते हुए 30 लाख से अधिक अफगानियों को शरण देने के लिए धन्यवाद दिया।
दिलावर ने यह भी कहा कि तालिबान हर देश के साथ शांतिपूर्ण और साझा सम्मान का रिश्ता चाहता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमनाथ मंदिर से जुड़े कई विकास कार्यों का उद्घाटन और शिलान्यास करते हुए करते हुए तालिबान का जिक्र किए बिना यह बात कही थी।
मोदी ने कहा था कि 'भगवान सोमनाथ का मंदिर आज भारत ही नहीं, पूरे विश्व के लिए एक विश्वास है। जो तोड़ने वाली शक्तियां है... जो आतंक के बलबूते सामर्थ्य खड़ा करने वाली सोच है... वह किसी कालखंड में कुछ समय के लिए भले ही हावी हो जाए लेकिन उसका अस्तित्व कभी अस्थाई नहीं होता। वह ज्यादा दिनों तक मानवता को दबाकर नहीं रख सकतीं।' प्रधानमंत्री के इस बयान को अफगानिस्तान की परिस्थितियों से जोड़कर देखा गया।