काबुल। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद तालिबान कौंसिल के निमंत्रण पर शनिवार को काबुल पहुंचे। जनरल हामिद के नेतृत्व में आईएसआई के वरिष्ठ अधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल तालिबान नेता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर तथा अन्य नेताओं से मिलेंगे।
पाकिस्तानी आईएसआई का अफगानिस्तान आगमन ऐसे समय हुआ है, जब तालिबान ने अपनी सरकार के गठन की घोषणा की है और बरादर के इस सरकार का नेतृत्व करने की संभावनाएं व्यक्त की जा रही हैं। इस बीच पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री शेख राशिद ने कहा है कि पाकिस्तान ने लंबे समय तक तालिबान की देखरेख की है।
उन्होंने कहा, हम तालिबान नेताओं के संरक्षक हैं। सभी शीर्ष तालिबान नेता पाकिस्तान में ही पैदा हुए हैं। उन्हें पाकिस्तान में आश्रय, शिक्षा और घर मिला है। हमने उनके लिए सब कुछ किया है।
इससे पहले हाल में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने तालिबान के साथ संबंधों को सीधे तौर पर उजागर करते हुए अपने बयान में कहा था कि दुनिया को अफगानिस्तान को नहीं छोड़ना चाहिए और ऐसा किए जाने पर इसके गंभीर परिणाम सामने आएंगे।
काबुल में महिलाओं का प्रदर्शन हुआ हिंसक, तालिबान ने छोड़ी आंसूगैस : तालिबान ने यहां महिला अधिकार रैली को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोलियां चलाईं और महिला प्रदर्शनकारियों पर आंसूगैस के गोले छोड़े। प्राप्त रिपोर्टों के मुताबिक महिला अधिकारों के समर्थन में राष्ट्रपति भवन के समीप रैली में शामिल प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए बल प्रयोग किया गया।
तालिबान मूवमेंट ने देश की राजनीति से महिलाओं को बाहर रखे जाने की योजना की घोषणा की है और यह भी कहा गया है कि केवल हिजाब पहनने वाली अफगान महिलाओं को ही शिक्षा और काम मिल सकेगा। तालिबान की इस घोषणा के विरोध में राजधानी काबुल के अलावा देश के अन्य हिस्सों में भी प्रदर्शन की रिपोर्टें हैं।(वार्ता)